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चेन्नई

पुलिस ने 14 साल बाद भी पूरा नहीं किया वादा

जान पर खेल कर दी थी वीरप्पन की अहम जानकारी

चेन्नईOct 09, 2018 / 11:49 pm

arun Kumar

Police did not complete even after 14 years

Police did not complete even after 14 years

रामगोपाल वर्मा भी कायम नहीं रहे अपनी बात पर

कोयम्बत्तूर. कुख्यात चंदन व हाथी दांत तस्कर वीरप्पन के खात्मे के लिए पुलिस को महत्वपूर्ण जानकारी देनी वाली महिला एम षणमुगप्रिया को आज तक कोई पुरस्कार नहीं दिया गया है। जबकि उसका दावा है कि उसने जान पर खेल कर पुलिस की मदद की। पुलिस ने उसे पुरस्कृत करने का वादा किया पर आज तक पूरा नहीं किया। कोयम्बत्तूर निवासी महिला ने कहा कि वीरप्पन फिल्म के निर्माता- निर्देशक रामगोपाल वर्मा ने अपनी पटकथा के लिए अहम सूचनाएं ली और छह लाख रुपए देने का वादा किया था पर उन्होंने सिर्फ एक लाख रुपए ही दिए थे। लेकिन पुलिस प्रशासन ने तो काम निकल जाने के बाद पूछा तक नहीं। षणमुगप्रिया का कहना है कि 14 साल बीत जाने के बाद भी उसे पुरस्कार नहीं मिला है।
वीरप्पन की पत्नी उसके घर चार महीने तक रही

कोयम्बत्तूर में वाड़ा वल्ली निवासी महिला के अनुसार उसे वर्ष 2004 में वीरप्पन को ठिकाने लगाने के लिए चलाए गए अभियान में अपने प्राण संकट में डाल कर पुलिस को सक्रिय सहयोग किया था। इस दौरान वीरप्पन की पत्नी मुथुलक्ष्मी उसके घर पर चार महीने तक किराए से रही थी। मुथुलक्ष्मी के साथ उसकी दोस्ती हो गई थी। पुलिस का प्लान था कि षणमुगप्रिया उसके जरिए वीरप्पन के बारे में गोपनीय सूचनाएं हासिल कर पुलिस को बताए। महिाल ने ऐसा ही किया और वीरप्पन के ठिकानों के बारे तक में जानकारी ले कर पुलिस के साथ साक्षा की।उसे अंदाजा था कि यदि वीरप्पन को पता लग गया तो वह पूरे परिवार को नुकसान पहुंचा सकता था। आखिर कार पुलिस ने वर्ष 2004 में वीरप्पन का साथियों के साथ खात्मा कर दिया।
अनर्गल आरोप तक लगाए गए

पुलिस के विशेष दस्ते (एसटीएफ) के उच्च अधिकारियों ने षणमुगप्रिय से वादा किया था कि उसे भी पुरस्कृत किया जाएगा। लेकिन 14 साल निकल गए आज तक उसे किसी ने नहीं पूछा। पुरस्कार तो दूर जब लोगों को पता लगा कि वीरप्पन के खात्मे में उसकी भूमिका का पता लगा तो उस पर अनर्गल आरोप लगाए गए। उसे व परिवार को बदनामी सहन करनी पड़ी। कहीं कोई सुनवाई नहीं होने पर 10 साल बाद प्रधानमंत्री कार्यालय को भी पत्र लिखा, लेकिन वहां से भी कोई जबाव नहीं आया। इस स बन्ध में वीरप्पन ऑपरेशन के इंचार्ज रहे पुलिस महानिरीक्षक एनके सेंथमराई कन्नन भी स्वीकार करते है कि पुलिस षणमुगप्रिया का सहयोग लिया था।वीरप्पन के खात्मे में सहयोग करने वाले सभी लोगों को पुरस्कृत करने करने की सिफारिश भी की थी। षणमुगप्रिया का दावा है कि पुलिस ने उसे पांच करोड़ रुपए, मकान के लिए भूखंड व मैडल देने का वादा किया था, लेकिन आज 14 वर्ष हो गए। पुलिस ने कभी पूछा तक नहीं।

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