हाल ही में ख्यातनाम निर्देशक मणिरत्नम की पोन्नियिन सेल्वन-1 की विशेष स्क्रीनिंग देखने एमएनएम संस्थापक और अभिनेता कमल हासन पहुंचे थे। जहां उन्होंने फिल्म देखने के बाद पोन्नियिन सेल्वन-1 के नायक राजराजा चोलन को एक हिंदू राजा के रूप में चित्रित किए जाने पर अपने विचार रखे।
अंग्रेजों ने किया हिन्दू शब्द का इस्तेमाल
कमल हासन ने कहा कि राजराजा चोलन के समय में हिंदू धर्म की अवधारणा ही नहीं थी और यह शब्द अंग्रेजों ने अपनी सुविधा के लिए गढ़ा था। उस वक्त सिर्फ तीन धर्म शैव धर्म, वैष्णव धर्म और समण (जैन) धर्म ही विद्यमान थे। कमल हासन के इस बयान के बाद से ही बयान बाजी का सिलसिला शुरू हो गया। हालांकि इस विवाद की शुरुआत का श्रेय उनकी ही बिरादरी के निर्देशक वेट्रीमारन को जाता है।
चोलन हिन्दू शासक नहीं थे
दरअसल, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता तमिल निर्देशक वेट्रीमारन ने कहा था कि राजराज चोलन हिंदू राजा नहीं थे। वेट्रीमारन ने एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा था कि हमारे प्रतीक लगातार हमसे छीने जा रहे हैं। तिरुवल्लुवर का भगवाकरण हो रहा है। राजराजा चोलन को लगातार हिंदू राजा कहा जा रहा है।
भाजपा नेताओं का जवाब
इस पर भाजपा नेता एच. राजा भडक़़ गए। उन्होंने निर्देशक के दावे को खारिज करते हुए पूछा कि क्या वेट्रीमारन बता सकते हैं कि राजराजा चोलन ने एक-दो चर्च और मस्जिदों का निर्माण करवाया हो। राजा चोलन स्वयं को ‘शिवपाद शेखरन’ कहते थे तो फिर वे हिंदू कैसे नहीं हुए? इसी मसले पर पुदुचेरी की उपराज्यपाल तमिलइसै सौंदरराजन जो तमिलनाडु की हैं, ने कहा कि तमिलनाडु में हिन्दू धर्म व संस्कृति को छिपाने का यह प्रयास है जिसका विरोध होना चाहिए।
धर्मनिरपेक्ष राजा थे राजराज चोलन
शैव और वैष्णवपंथ को हिन्दू धर्म का ही अंग माना जाता है। राजराज चोलन का दृष्टिकोण व्यापक और धर्मनिरपेक्ष था। उन्होंने अपने शासनकाल के दौरान भगवान शिव, गणेश और विष्णु के लिए मंदिरों का निर्माण किया था। जैन व बौद्ध मंदिरों के निर्माण की मांग करने वालों को उदारतापूर्वक धन दिया था।
पी वेंकटेशन, एपिग्राफी (एएसआई) के पूर्व निदेशक