राज्य में परम्परागत तरीके से दिवाली मनाई गई। मंगलवार अलसुबह तेल स्नान करने के बाद नए वस्त्र धारण कर आतिशबाजी हुई। घरों में बने जायकेदार पकवानों और मिठाई का लोगों ने आनंद लिया। श्रद्धालुओं ने मंदिर जाकर विशेष पूजा अर्चना कराई और दर्शन किए।
सुबह छह से ७ और शाम ७ से आठ बजे तक ही पटाखे छोडऩे के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पूरी तरह पालना नहीं हुई। लोगों ने अपने अंदाज में आतिशबाजी की। पुलिस ने कार्रवाई के नाम पर राज्यभर में १५०० मामले दर्ज किए। कई लोग तो सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश से बेखबर नजर आए। वस्तुत: प्रशासन ने आतिशबाजी के निर्धारित समय को लेकर नहीं के बराबर प्रचार किया।
आतिशबाजी से उठा धुआं रात को धुंध के रूप में नजर आया लेकिन केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार ६ नवम्बर की शाम को महानगर में पीएम लेवल आदर्श था। वायु की गुणवत्ता का स्तर ६४ सूचकांक था। ७ नवम्बर को भी महानगर के तीन केंद्रों में वायु प्रदूषण का स्तर औसत रहा। महानगर में वायु की गुणवत्ता की जांच के लिए टी. नगर, बेसेंट नगर, ट्रिप्लीकेन और साहुकारपेट समेत ५ जगह उपकरण लगाए गए थे।