प्रारम्भिक जांच में ही कई सवाल उठाए गए थे। इसमें सरकारी वकील ने तेलंगाना राज्य वर्सेज मनगीपेट के सुप्रीम कोर्ट के एक निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि प्रारम्भिक जांच के लिए कोई आधार तय नहीं किए जा सकते हैं। और यह उस मामले पर निर्भर करता है। बाद में कोर्ट ने 17 फरवरी को मामले की सुनवाई दी। चेन्नई नगर निगम की ओर से सीएस वैद्यनाथन एवं सरकार की ओर से महाधिवक्ता विजयनारायण ने पैरवी की।