कैदियों के लिए जेल या रिसॉर्ट
यह बात हमेशा से खबरों में रहती थी कि राज्य का जेल प्रशासन भ्रष्टतंत्र से चलता है। लेकिन फोटोग्राफिक सबूत मिलने से इन खबरों को और बल मिला है।
चेन्नई. करीब १० दिन पहले जेल का वार्डन ड्यूटी पर गया तो उसके इनर वियर से गांजा बरामद किया गया। एनआईए को शंका है कि वह यह गांजा पाकिस्तानी गुप्तचर को मंहगे दामों पर बेचा करता था। वार्डन को फिलहाल निलंबित कर दिया गया है। वार्डन के पास से बरामद मोबाइल फोन की तस्वीरों से ज्ञात होता है कि जेल में कैदियों को हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराई जाती थी। जिसमें मनपसंद खाना, कपड़े, कॉस्मेटिक, फोन आदि हैं। ये सभी सुविधाएं कैदियों को मनमानी रकम पर बेची जाती थी।
यह बात हमेशा से खबरों में रहती थी कि राज्य का जेल प्रशासन भ्रष्टतंत्र से चलता है। लेकिन फोटोग्राफिक सबूत मिलने से इन खबरों को और बल मिला है। कुछ अपराधी तो जेल के अंदर से ही अपना नेटवर्क चलाते हैं। जिस कैदी की जितनी रसूख होती है उतनी ही ऊंची सुविधा उसे मुहैया होती है। जिन कैदियों को घर का बना खाना पसंद है उनके लिए जेल के अंदर दाल, चावल, सब्जी के साथ वहां खाना बनाने की व्यवस्था भी होती है। प्राप्त तस्वीरों से लगता है कि कैदी जेल में नहीं बल्कि किसी रिसॉर्ट में मजे ले रहे हैं। जेल में मोबाइल फोन का प्रयोग न हो इसके लिए जैमर लगाए गए हैं पर ये जैमर ४-जी फोन सिग्नल को ब्लॉक करने में अक्षम हैं। अधिकांश कैदी स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हैं और जेल के अंदर से ही अपने परिवार व साथियों से संपर्क में रहते हैं। लेकिन फोटोग्राफिक सबूत मिलने से इन खबरों को और बल मिला है। कुछ अपराधी तो जेल के अंदर से ही अपना नेटवर्क चलाते हैं। जिस कैदी की जितनी रसूख होती है उतनी ही ऊंची सुविधा उसे मुहैया होती है। कैदियों को मोबाइल इस्तेमाल करने की खुली छूट है। पूझल जेल अधिकारियों से इस बारे में सवाल किया तो वे बगलें झांकने लगे।
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