उन्होंने कहा कि लोग अपनी पानी की जरूरतों को लेेकर मेट्रो वाटर को ईमेल करें तथा मंत्री को अपनी बात बताएं तभी हकीकत स्थिति का पता चल सकेगा। इससे पहले करीब पांच हजार पानी टैंकर वालों ने जो चेन्नई, तिरुवल्लूर एवं कांचीपुरम जिलों में पानी की सप्लाई करते हैं, ने 27 मई से हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया था।
उन्होंने बताया कि हड़ताल पर जाने का मुख्य कारण ग्रामीण प्रशासन की ओर से सहयोग नहीं करना है। इन जिलों में भूजल स्तर में लगातार आ रही गिरावट के चलते हालात काफी विकट बने हुए हैं। लोग पानी के लिए त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। इसके साथ ही ग्रामीण स्तर पर तैनात अधिकारियों का असहयोगात्मक रवैये के चलते भी हड़ताल का फैसला लिया था। हमने तीनों जिलों के कलक्टरों से बात की है और उन्होंने सहयोग का भरोसा दिलाया है।
हालांकि हमने हड़ताल को अस्थायी रूप से वापस लिया है। हमारे टैंकरों को अब भी कई जगह रोका जा रहा है और फाइन की जा रही है। औसतन चेन्नई में पानी टैंकर पांच करोड़ लीटर पानी की आपूर्ति करते हैं। 12 हजार लीटर क्षमता के एक टैंकर की राशि करीब 900 रुपए ली जाती है लेकिन कई बार टैंकर करीब 20 किमी की दूरी तय करता है और ऐसे में 200 से 300 रुपए अतिरिक्त लिए जाते हैं। पानी लोगों की जरूरत है। हालांकि पानी की किल्लत अधिक बनी हुई है।