उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में पेरम्बूर लोको वक्र्स ने इस 163 साल पुराने स्टीम लोको एक्सप्रेस को रिवाइव किया था। इसके अतिरिक्त स्टीम लोको के साथ समर विशेष सेवा मेट्टुपालयम एवं कुन्नूर के बीच चलाई जा रही है। वर्ष 2017-18 की दक्षिण रेलवे की उपलब्धियों के बारे में उन्होंने कहा इस साल दो बड़ी रेल परियोजनाओं को पूरा किया गया है। विल्लुपुरम दिंडीगुल 270 किलोमीटर में दोहरीकरण का कार्य 1600 करोड़ रुपए की लागत से पूरा किया गया है।
इसके अलावा तिरुचिरापल्ली तंजावुर तक दोहरीकरण (47 किलोमीटर) का कार्य 350 करोड़ रुपए की लागत से पूरा हुआ है। इसके साथ चेन्नई मदुरै खंड में पूरा 495 किलोमीटर ट्रेक का दोहरीकरण हो गया है। कुलश्रेष्ठ ने बताया कि ताम्बरम में कोचिंग टर्मिनल ने काम करना शुरू कर दिया है, अब यहां से और अधिक ट्रेनों के परिचालन की योजना है। इस वित्तीय वर्ष में यात्री सुविधाओं पर 100 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इस साल यात्रियों के लिए 2323 विशेष ट्रेनें चलाई गई। इसके साथ ही छह नई ट्रेनों की शुरुआत की गई है।
इसके साथ ही दक्षिण रेलवे ने पहली बार ग्रीष्मकालीन विशेष ट्रेनों की उचित समय सारणी का सॉफ्ट वर्जन जारी किया है जबकि अन्त्योदय रेक, अनुभूति कोच तथा एचएचबी कोच अधिक संख्या में ट्रेनों में जोड़े गए।
158 मानवरहित लेवल क्रॉसिंग समाप्त
वर्ष 2017-18 में 158 मानवरहित लेवल क्रॉसिंग को बंद कर दिया गया। अब चेन्नई में कोई भी मानवरहित लेवल क्रासिंग नहीं है। दक्षिण रेलवे ने तीन बड़े पुलों नेत्रवती, कावेरी एवं पम्बन का ड्रोन सर्वे शुरू किया है। पुलों की सुरक्षा के लिए जल के अंदर सुदूर संचालित रोबोटिक व्हीकल काम में लिया गया। 12 स्टेशनों पर ऐप आधारित कैब सेवाएं मुहैया कराई गई। चेन्नई समेत छह स्टेशनों पर डीलक्स रेस्ट रूम्स मुहैया कराया गया। चेन्नई सेट्रल तथा चेन्नई एगमोर समेत सात स्टेशनों पर आल वुमेन फेसिलिटेशन सेंटर तथा 29 स्टेशनों पर वाई फाई की सुविधा मुहैया कराई गई। चेन्नई एगमोर तथा अरक्कोणम समेत चार स्टेशनों पर फास्ट फूड यूनिट एवं स्टेशनों पर 98 वाटर वेंडिंग मशीनें लगाई गई हैं।
14 स्टेशनों पर एकीकृत सुरक्षा प्रणाली
कुलश्रेष्ठ ने कहा कि चेन्नई सेंट्रल, चेन्नई एगमोर, चेन्नई बीच, बेसिन ब्रिज, तिरुवल्लूर, माम्बलम, ताम्बरम, कोयम्बत्तूर समेत 14 स्टेशनों को एकीकृत सुरक्षा प्रणाली के दायरे में लाया गया है। चेन्नई सेंट्रल व चेन्नई एगमोर रेलवे स्टेशन पर चाइल्ड हेल्प डेस्क मुहैया कराई गई है। महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देते हुए आरपीएसएफ का महिला प्लाटून बनाया गया है। वर्ष 2017-18 में दक्षिण रेलवे के 65 प्रतिशत कोचों में बायो टायलेट लगाई गई है। इस साल दिसम्बर तक सभी 6229 कोचों में बायो टायलेट लगा दी जाएंगी।
आगामी योजनाएं
उन्होंने बताया कि चेन्नई बीच तथा कोरुक्कुपेट के बीच तीसरी और चौथी लाइन तथा कोरुक्कुपेट और तिरुवत्तीयूर के बीच चौथी लाइन आगामी वित्तीय वर्ष में शुरू की जाएगी। इस साल ताम्बरम चेंगलपेट तीसरी लाइन का सिंगपेरुमाल कोईल एवं गुडुवांचेरी के बीच (11 किलोमीटर) पटरी बिछाने का काम पूरा किया जाएगा।