पूंदमल्ली के निकट पप्पनछत्रम में काशी विश्वनाथर मंदिर और वेणुगोपाल स्वामी मंदिर से संबंधित भूमि लीज पर देने वाले राजम होटल समूह ‘क्वीन्सलैंडÓ नामक एक मनोरंजन पार्क और लक्जरी होटल चलाते हैं।
2013 में श्रीपेरंबदूर तहसीलदार ने क्वीन्सलैंड प्रबंधन को नोटिस भेजा कि 1998 में लीज समाप्त होने के बाद भूमि के निरंतर उपयोग के लिए मुआवजे के रूप में 2 करोड़ 75 लाख 46 हजार 748 रुपए का भुगतान किया जाए। इसके खिलाफ क्वीन्सलैंड प्रबंधन ने 2013 में मद्रास हाइ कोर्ट में केस दर्ज कराया था।
यह मामला न्यायाधीश एम. सुंदर के समक्ष सुनवाई के लिए आया। ट्रस्ट के लिए ट्रेजरी विभाग के वकील अरुण नाथराजन और राजस्व विभाग के वकील अमृता दिनाकरन पेश हुए। अपने तर्क में उन्होंने कहा, 21.06 एकड़ मंदिर की जमीन सेल्वराज को 1995-1998 तक पट्टे पर दी गई थी। कंपनी ने पट्टे की अवधि समाप्त होने के बाद भी मंदिर की भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है। तब न्यायाधीश ने आदेश दिया कि क्वीन्सलैंड कंपनी द्वारा कथित रूप से कब्जा की गई मंदिर की भूमि को 4 सप्ताह के भीतर पुन: प्राप्त किया जाए। साथ ही गत अक्टूबर में न्यायालय ने निर्देश दिया कि कंपनी ने राजस्व विभाग को मंदिर को मुआवजे के तौर पर 1 करोड़ 8 लाख 69 हजार 423 रुपए और साथ ही मंदिर प्रशासन को 9.5 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति करे।
मंत्री शेखर बाबू ने कहा
उस वक्त हिन्दू धार्मिक मामलात मंत्री पीके शेखर बाबू ने कहा कि तत्कालीन जमींदारों से मंदिर के अनुरक्षण के लिए १८८४ में १७७ एकड़ जमीन दी गई थी। इस संबंध में वसीयत भी तैयार कराई गई थी। मैंने और विभाग के आयुक्त कुमारगुरुपारण ने उसका अवलोकन किया है। विभाग स्थल को जमीन को पुन: प्राप्त करने के लिए राजस्व विभाग के साथ काम कर रहा है।
जिला प्रशासन की कार्रवाई
इस स्थिति में क्वींसलैंड के कब्जे वाली भूमि जमीन का अधिग्रहीत कर लिया गया। अधिकारियों ने लगभग 200 करोड़ रुपए की 32.41 एकड़ जमीन को छुड़ाया। इस जमीन पर सरकारी मालिकान का नोटिस चस्पा कर दिया गया है। जिस जगह पर नोटिस लगा है वहां कंपनी ने रोप कार सुविधा, फूड कोर्ट, बोट हाउस और स्विमिंग पूल सेवाएं संचालित कर रखी थी। इन सभी सुविधाओं को सील कर दिया गया है।