इस मौके पर सबोधित करते हुए गणपतराज चौधरी ने कहा इस संस्थान ने पिछले कई सालों से राजस्थानी प्रवासियों को एक छत के नीचे रख कर समाज की सेवा की है जो सराहनीय है। विनीत कोठारी ने कहा राजस्थान के लोगों के ब्लड में सेवा होती है इसलिए जहां भी जाते हैं सफल हो जाते हैं। उन्होंने कहा दुनिया में लोगों को पहले सीखना चाहिए फिर कमाना चाहिए और उसके बाद वापस देने का भी प्रयास करना चाहिए।
व्यक्ति अपनी वीरता नहीं बल्कि विनम्रता से आगे निकलता है। विनम्र व्यक्ति को ही जीवन में आगे जाने का मौका मिलता है। सेवा करने का आनंद सबसे अलग होता है। हर चीज से सपन्न होने के बाद भी सरल होने वाला व्यक्ति ही पहचान बनाता है। समारोह में इस साल राजस्थान रत्न मोहन गोयनका, राजस्थानश्री नरेंद्र श्रीश्रीमाल, श्यामसुन्दर दमानी व ज्ञानचंद आंचलिया तथा उत्कृष्ट सेवा सम्मान ज्ञानचंद बोहरा (मरणोपरांत) को दिया गया, जो उनकी पत्नी पद्मावती बोहरा ने ग्रहण किया।
इस मौके पर भारतीय जैन संगठना के राजेन्द्र कुमार लूंकड़ और राजस्थान हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश प्रकाश कटारिया के अलावा आनंद चोरडिय़ा, शांतिलाल कांकरिया, अजय नाहर, मनीष मरडिय़ा, जयंतीलाल तलेसरा, हनुमान संकलेचा, मोहन बजाज, ललित कटारिया, विनोन ओ.जैन और दौलत बांठिया सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। धन्यवाद प्रस्ताव सह-सचिव ज्ञानचंद कोठारी ने दिया। प्रवीण कुमार टाटिया ने कार्यक्रम का संचालन किया। इससे पहले जयपुर के अलंकार म्यूजिकल ग्रुप द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया गया जिसमें गिरी बागड़ी का मुख्य रूप से सहयोग रहा।