साध्वी डॉ.हेमप्रभा ने ‘सामायिक दिवसÓ पर कहा सच्चा श्रावक जो संयम लेने में समर्थ नहीं है, वे गृहस्थी में रहकर आगार धर्म पालन करता है। सांसारिक नियमों का पालन बेमन से करता है। उनके लिए प्रभु ने विभिन्न प्रकार से छोटे-छोटे नियमों को ग्रहण कर संसार रूपी बोझ से विश्राम पाना बताया है। धर्मसभा में आचार्य आनन्दऋषि के जन्मोत्सव और साध्वी उम्मेदकंवर की पुण्यतिथि पर ३१ जुलाई को गुणानुवाद सभा, सामूहिक एकासन तथा नेत्र शिविर का आयोजन किया जाएगा।