सुप्रीम कोर्ट ने की दोषियों की रिहाई का विरोध करने वाली याचिका खारिज
राजीव गांधी हत्याकांड-उपमुख्यमंत्री ने कोर्ट के फैसले का किया स्वागत
चेन्नई/नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे सात दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के 2014 के फैसले का विरोध करने वाली याचिका को गुरुवार को खारिज कर दिया। पूर्व प्रधानमंत्री के साथ 1991 में मारे गए लोगों के परिजनों ने याचिका दायर कर तमिलनाडु सरकार के इस फैसले का विरोध किया था।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा इस मामले से जुड़े संविधान पीठ के फैसले में सभी पहलुओं पर विचार किया गया था, इसलिए इस मामले में कुछ ाी नहीं बचा है। राज्य की पूर्व मुयमंत्री स्वर्गीय जे. जयललिता के नेतृत्व वाली सरकार ने वर्ष 2014 में मामले के सात दोषियों को रिहा करने का फैसला किया था। सुप्रीम कोर्ट के आए फैसले के बाद राज्य के उपमुयमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने कहा कि रिहाई को लेकर सरकार द्वारा हरसंभव कदम उठाया जा रहा है। सरकार द्वारा राज्यपाल पर लगातार दबाव भी बनाया जा रहा है। इसी बीच हत्यारोपी पेरअरिवालन की मां अरपुत्तमल ने भी कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और कहा है कि रिहाई के लिए राज्यपाल को जल्द से जल्द कदम उठाना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि पिछले साल ९ सितंबर को संविधान के अनुच्छेद १६१ के तहत राज्य कैबिनेट ने एजी पेरअरिवालन, मुरुगन, उसकी पत्नी नलिनी, पी. रविचंद्रन, शांतन रॉबर्ट और जयकुमार सहित सात लोगों की रिहाई को लेकर प्रस्ताव पारित किया था। उसके दूसरे दिन ही प्रस्ताव राज्यपाल को भेज दिया गया था, लेकिन प्रस्ताव पर अब तक राज्यपाल द्वारा किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। इसके विरोध में नलिनी श्रीहरन ने मद्रास हाईकोर्ट में दो बार याचिका भी दायर की है।
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