इनकी वजह से हमारी ग्राहकी प्रभावित होती है। कई ग्राहक तो कहते भी है दुकान कहां खोल रखी है। अस्पताल का एक बड़ा दरवाजा भाष्यकरुल मार्ग पर खुलता है पर शराबियों की वजह से इसे बंद रखना पड़ता था। जब सरकार खुद शराब बेच रही है तो इन शराबियों को कौन रोके। लेकिन ज्यादा नशा होने पर कई की हालत घर तक पहुंचने की नहीं रहती। वे लडख़ड़ाते हुए आबादी क्षेत्र की ओर बढ़ते और कई बार डगमगाते हुए घरों के सामने ही पड़ जाते हैं। किसी तरह का कोई हादसा नहीं हो जाए । इससे यहां के लोग चिन्तित रहते थे। कई तो अस्पताल के पास ही सुबह तक पड़े रहते ।