शोध का विषय क्षेत्र यही था कि तमिलनाडु की महिलाओं को उद्यमिता की राह क्यों चुननी और इसी पर बनी रहनी पड़ी? अध्ययन से यह भी पता चला है कि तमिलनाडु में महिला उद्यमियों को अपने व्यवसाय में जीवित रहने और बढऩे में मदद करने वाले विभिन्न कारकों में उनकी क्षमता और अनुभव, नेटवर्किंग अवसर, परिवार से समर्थन और संस्थागत समर्थन शामिल हैं।
महिला उद्यमियों ने शोधकर्ताओं को बताया कि वे संतुष्ट हैं, व्यवसाय करने से उन्हें उपलब्धि, वित्तीय सुरक्षा, करियर संतुष्टि, लचीले काम के घंटे और दूसरों की भलाई को प्रभावित करने का अवसर मिलने की खुशी की भावना मिली। शोध कार्य एसोसिएट प्रोफेसर डा. रूपश्री बराल के निर्देशन में शोधार्थी जैस्मीन बानो ने किया।
ये रहे प्रेरक तत्व
– कार्य करने का जज्बा, नया करने की ललक, नई चुनौतियों से निपटने का साहस और सामाजिक मूल्यों का सृजन
– कार्य-जीवन साम्य की आकांक्षा
– परिवार और पति से मिला समर्थन
– संस्थागत सरकारी सहयोग और अनुदान
शोध का सुझाव
– महिला उद्यमियों को व्यक्तित्व विकास, कौशल विकास, विशेष प्रौद्योगिकी और उद्यमशीलता का प्रशिक्षण दिया जाए
– महिला उद्यमियों के कार्य व कारोबार को मीडिया, शिक्षा व साहित्य में जगह देकर इनके बारे में समाज की सोच को बदला जाए
मिले उचित प्रोत्साहन
राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था, नवाचार, प्रगति और जीवनस्तर में महिला उद्यमशीलता की बड़ी भूमिका है। इसे सरकारों, नीति निर्माताओं व शिक्षाविदों द्वारा प्रोत्साहन मिलना चाहिए। उचित नीति और प्रेरणाओं से मध्यम व लघु उद्यम प्रवृत्त करने में इनका सहयोग किया जाना चाहिए।
एसोसिएट प्रोफेसर डॉ रूपश्री बराल, प्रबंधन अध्ययन विभाग