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चेन्नई

एक लाख गांवों तक पहुंचेगा एकल अभियान

वर्तमान में अभियान के तहत 70000 गांवों तक एकल विद्यालय की पहुंच है

चेन्नईJul 19, 2018 / 02:29 pm

Arvind Mohan Sharma

Single campaign to reach 100,000 villages

एक लाख गांवों तक पहुंचेगा एकल अभियान

कोयम्बत्तूर. एकल विद्यालय अभियान के तहत वर्ष 2020 तक एकल विद्यालयों को एक लाख गांवों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है। शहर में एकल अध्ययन सर्कल के उद्घाटन के बाद संवाददाताओं से बातचीत में अभियान के अध्यक्ष बजरंग लाल बागरा ने बताया कि वर्तमान में अभियान के तहत 70000 गांवों तक एकल विद्यालय की पहुंच है। उन्होंने बताया कि वर्ष १९८८ में झारखंड से शुरू हुआ अभियान अब देशभर में पहुंच चुका है। फिलहाल ७०,२२४ स्कूलों का संचालन किया जा रहा है इनमें से 68237 देश के अलग-अलग राज्यों में चलाएजा रहे हैं जबकि 1987 स्कूल में नेपाल में संचालित हैं। एकल विद्यालय का मूल उद्देश्य आदिवासी क्षेत्रों से अशिक्षा को समूल नष्ट करना है। इसी उद्देश्य के साथ देश के उपेक्षित और आदिवासी बहुल सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में एकल विद्यालय संचालित किए जा रहे हैं। पाठ्यक्रम में बच्चों को बुनियादी शिक्षा और जीने के तौर-तरीकों के बारे में भी बताया जाता है, ताकि उनमें आत्मविश्वास की भावना पैदा हो और ग्रामीण जीवनस्तर से ऊपर उठकर वे उच्च शिक्षा हासिल करने की दिशा में कदम बढ़ा सकें। यहां बुनियादी शिक्षा ही नहीं दी जाती बल्कि समाज के उपेक्षित वर्गों को स्वास्थ्य, विकास और स्वरोजगार संबंधी शिक्षा भी दी जाती है। इस मौके पर आर्य वैद्यशाला के चेयरमैन कृष्णकुमार वारियार, एकल संस्थान की राष्ट्रीय अध्यक्ष मंजू श्रीवास्तव, वन बंधु परिषद के अध्यक्ष श्रीगोपाल माहेश्वरी, संस्थान के कोय बत्तूर के अध्यक्ष मोहन शंकर आदि उपस्थित थे।
सड़क पर पेड़ गिरा, यातायात बाधित
कोयम्बत्तूर. कोयम्बत्तूर व नीलगिरी जिले में हो रही बारिश के कारणपहाड़ी इलाके वलपरई में बुधवार को वलपरई-पोल्लाची मार्ग पर विशाल पेड़ गिर जाने से लगभग दो घंटे तक यातायात बाधित रहा। वलपरई के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित रही। विशाल पेड़ सड़क पर गिर जाने के कारण सड़क के दोनों तरफ १०० से अधिक चार पहिया वाहनों की कतार लग गई। बरसात व तूफान के कारण राहत व बचाव दल को मौके पर पहुंचने में काफी वक्त लगा। बाद में पेड़ की टहनियों व शाखाओं को काटकर पेड़ को हटाया गया जिसके बाद यातायात बहाल हो गया।बताया जाता है कि वलपरई में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हो रही है। बरसात के कारण ट्रक घुमावदार सड़कों पर जाने से परहेज कर रहे हैं जिसके कारण लोगों को दूध व सब्जियों की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है।
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