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चेन्नई

यात्रियों की अधिक संख्या को देखते हुए चलाई विशेष ट्रेनें

राज्य भर में हाल ही हुए बस हड़ताल, मकर संक्रांति- पोंगल पर्व एवं गणतंत्र दिवस को देखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए दक्षिण रेलवे के मदुरै मंडल ने वि

चेन्नईJan 14, 2018 / 10:37 pm

मुकेश शर्मा

Special trains run in view of the maximum number of passengers

Special trains run in view of the maximum number of passengers

चेन्नई।राज्य भर में हाल ही हुए बस हड़ताल, मकर संक्रांति- पोंगल पर्व एवं गणतंत्र दिवस को देखते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए दक्षिण रेलवे के मदुरै मंडल ने विशेष गाडिय़ां चलाई हैं।


मंडल की ओर से मदुरै-रामेश्वरम पैसेंजर में 28 अतिरिक्त कोचें लगाई गई थी। इसके साथ ही मदुरै-सेंगोट्टैयन एवं दिंडीगुल पलनी सेक्शन में से प्रत्येक खंड में छह विशेष गाडिय़ां चलाई गई। इस खंड में मानामदुरै, रामनाथपुरम, परमक्कुडि, विरुदनगर, राजपालयम, शंकरनकोविल, शिवकाशी, ओट्टनचत्तिरम शामिल हैं।
ये सेवाएं 9 से 11 जनवरी तक मुहैया कराई गई। इन तीन दिनों में प्रमुख स्टेशनों पर अतिरिक्त टिकट काउंटर लगाए गए। आठ टिकट चेकिंग दस्ते लगाए गए थे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी यात्री टिकट के साथ यात्रा करें। पोंगल व गणतंत्र दिवस के मौके को देखते हुए 34 विशेष ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है। इसके लिए कदम उठाया जा रहा है।

रेलवे ने चलाई एक दिन में 40 विशेष ट्रेन

दक्षिण रेलवे ने 12 जनवरी को पोंगल यात्रियों के लिए नियमित और विशेष कुल 40 ट्रेनों का परिचालन कोयम्बत्तूर एवं तिरुनेलवेली के लिए किया। तिरुनेलवेली के लिए 26 ट्रेनों का परिचालन किया गया। 41,837 यात्रियों ने यात्रा की। रेलवे को 1.87 करोड़ रुपए की कमाई हुई। इसी प्रकार कोयम्बत्तूर के लिए १४ ट्रेन चलाई गई। 21,445 यात्रियों ने यात्रा की। इससे रेलवे को 1.22 करोड़ की कमाई हुई। इन आंकड़ों में अनारक्षित श्रेणी के यात्रियों को शामिल नहीं किया गया है। 12 जनवरी को तिरुनेलवेली के लिए ट्रेन नम्बर 06027 (अनारक्षित विशेष) का परिचालन किया गया। इस ट्रेन में चेंगलपेट तक 1930 यात्री थे।

जलीकट्टु को लेकर तैयारियां पूरी

अत्तुर एवं गेंगावेल्ली तालुक में परम्परागत खेल जलीकट्टु को लेकर तैयारियों जोरों से चल रही है। चूलामेडू, तममपट्टी, कोंडेयानूर गांवों में इस खेल में भाग लेने वाले युवाओं की बहुतायत है। इस खेल के प्रति आकर्षित करने के लिए हजारों रूपए की इनाम राशि भी रखी जाती है। इस खेल में शामिल बैलों को बकायता पौष्टिक भोजन खिलाया जाता है जिसमें उड़द, अंडे, तेल आदि शामिल होता है। तममपट्टी के पेरियसामी कहते हैं, मैं प्रतिदिन बैलों के भोजन पर 300 रुपए खर्च कर रहा हूं। इसके साथ ही समय-समय पर पशु चिकित्सकों को भी दिखाया जाता है कि बैल इस खेल के लिए पूरी तरह फीट हैं या नहीं।
अब जबकि तैयारियों चरम पर हैं तो प्रशासन भी सतर्क हो गया है।

प्रशासन ने खेल के सफल संचालन के लिए कमेटियों का गठन किया है। बैल मालिकों का कहना है कि यदि इस खेल को पारम्परिक तरीके से मनाना है तो नियमों में कुछ शिथिलता दी जानी चाहिए। पिछले काफी समय से विवाद में रहा दक्षिण भारतीय खेल जलीकट्टु इस बार तमिलनाडु सरकार के एक विचित्र फरमान के कारण चर्चा में है। इस खेल को खेलने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य किया गया है। पिछले दिनों मदुरै जिला प्रशासन ने कहा कि जलीकट्टु में भाग लेने के इच्छुक लोगों को आधार कार्ड दिखाना अनिवार्य होगा। इस खेल का आयोजन 14 से 16 जनवरी के बीच पोंगल के दौरान किया जाएगा। इस खेल की परम्परा 2500 साल पुरानी बताई जाती है।

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