मानकों के आधार पर पाठ्यक्रमों को 30 प्रतिशत तक कम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ समिति द्वारा अंशों की छटनी और स्कूलों को फिर से खोलने में देरी होने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है और कमेटी द्वारा सरकार से इस शैक्षणिक वर्ष के लिए त्रैमासिक परीक्षाओं को रद्द करने की सिफारिश भी की जा सकती है। आमतौर पर त्रैमासिक परीक्षा, जो राज्य भर में सभी विद्यार्थियों के लिए कॉमन है, प्रत्येक वर्ष सितंबर में आयोजित होता है। मामले को गंभीरता से लेते हुए कमेटी शैक्षणिक वर्ष को अगले वर्ष अप्रेल तक बढ़ाने की पहलुओं पर भी गौर कर रही है, ताकि देरी से स्कूलों को खोलने के बाद भी इस वर्ष सितंबर में त्रैमासिक परीक्षा का आयोजन किया जा सके।
उन्होंने कहा कि कुछ सदस्यों ने लॉकडाउन के दौरान कार्यदिवसों के नुकसान की भरपाई के लिए स्कूलों को शनिवार को भी काम करने के निर्देश देने का सुझाव दिया है। परीक्षा के आयोजन को लेकर कमेटी को अभिभावक, शिक्षाविदों और अभिभावक शिक्षक संघो द्वारा भी विभिन्न पहलुओं पर विचार और आग्रह प्राप्त हो रहा है। सभी वास्तवित सुझावों को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर अंतिम निर्णय के लिए राज्य सरकार को भेजी जाएगी। कमेटी द्वारा सिफ्ट के आधार पर कक्षाओं के संचालन की संभावनाओं की भी जांच की जा रही है, ताकि कक्षाओं में सामाजिक दूरी का पालन हो सके।