दोनों फ्रंटलाइन वर्कर्स और आवश्यक सेवा क्षेत्रों में काम करने वालों को पहचान पत्र दिखाने के बाद ट्रेन में चढऩे की अनुमति दी जाएगी। उपनगरीय ट्रेनों में नौकरीपेशा करने वाली महिलाएं, विद्यार्थी और यहां के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए यात्रा का एक बेहतर जरिया है जो समय से उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाता है।
दक्षिण रेलवे के एक विज्ञप्ति ने कहा, 20 मई तक प्रतिबंध लागू हैं। प्रतिबंध उन यात्रियों के लिए मुश्किलें पैदा करेगा जो निजी क्षेत्र और सरकारी क्षेत्र में काम कर रहे हैं क्योंकि उपनगरीय रेल चेन्नई के लोगों के लिए परिवहन का एक प्रमुख साधन रहा है।
नुंगमबाक्कम में एक निजी कंपनी के एक कर्मचारी मारियप्पन ने कहा, उपनगरीय ट्रेन से मैं पिछले कई सालों से यात्रा कर रहा हूं। मैं ना तो फ्रंटलाइन वर्कर हूं और ना ही आवश्यक सेवाओं में, लेकिन मैं एक निजी कंपनी में हूं और यदि उपनगरीय ट्रेन सेवाएं हम जैसे लोगों को यात्रा करने की अनुमति नहीं दे रही हैं, फिर आवागमन करना मुश्किल है।
रेलवे ने ट्रेन सेवाओं का उपयोग करने के लिए लोगों की श्रेणी को प्रतिबंधित कर दिया है क्योंकि राज्य सरकार ने कहा है कि ट्रेनों और बसों को केवल 50 प्रतिशत क्षमता के साथ चलाया जा सकता है। गौरतलब है कि कोरोना महामारी के दूसरे लहर की वजह से राज्य में सबसे अधिक महानगर चेन्नई में ही सामने आ रहे थे जिसे देखते हुए रेल सेवा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, लेकिन जब हालात धीरे-धीरे सामान्य होने लग जाएंगे तो इसे खोला जाएगा, जिससे आम नागरिकों को सुविधा प्रदान की जा सके।