दरअसल, साल में 2018 में तुत्तुकुडी स्थित वेदांता की स्टरलाइट कॉपर यूनिट को बंद करने को लेकर लोग प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हो गई, जिसमें 13 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई थी। रजनीकांत ने तुत्तुकुडी में अपने पहले दौरे के दौरान इस बारे में बात कर असामाजिक तत्वों को इसका जिम्मेदार ठहराया था। यह समन रजनीकांत से जांच में मदद के लिए भेजा गया है।
रजनीकांत ने घटना के बाद तुत्तुकुडी का दौरा किया था और स्टरलाइट फैक्टरी को बंद करने के लिए हुए प्रदर्शन के दौरान हिंसा में घायल कुछ लोगों से मुलाकात की थी। तब उन्होंने यह बयान दिया था। इस बयान पर फरवरी 2020 में भी रजनीकांत को जस्टिस अरुण जगदीशन कमीशन से समन मिला था। रजनी को 25 फरवरी को कमीशन के सामने हाजिर होना था। उस वक्त रजनीकांत ने यह कहकर कमीशन के सामने हाजिरी से राहत मांगी थी कि उनके आने से जनता को बहुत परेशानी हो सकती है।
कमीशन की ओर से अरुल वेदिवल पक्ष रख रहे हैं। जबकि रजनी की ओर से इलाम भारती ने कहा है कि इस बार रजनी सभी बातों का जवाब देंगे। न्यायिक कमीशन की अबतक हो चुकी 23 सिटिंग में करीब 586 चश्मदीद गवाहों के बयान हो चुके हैं। वहीं 775 दस्तावेज जमा किए जा चुके हैं। ये गवाह मुख्य रूप से फायर फाइटर्स और पुलिस के जवान ही रहे हैं।