जिन राज्यों में अतिरिक्त खुराकें निकाले जाने का दावा किया गया उनमें तमिलनाडु सबसे आगे है। यहां, 5 लाख 88 हजार 243 अतिरिक्त खुराकें दी गईं। जबकि दूसरे नंबर पर पश्चिम बंगाल हैं, जहां 4 लाख 87 हजार एक्स्ट्रा डोज निकाले गए हैं। वहीं गुजरात में 4 लाख 62 हजार, हरियाणा में 1 लाख 27 हजार और चंडीगढ़ में 5681 अतिरिक्त खुराकें निकाली गई हैं।
ओवरफिल के संबंध में निर्माता आमतौर पर एक शीशी में 16 से 24 प्रतिशत अतिरिक्त खुराक प्रदान करते हैं। तमिलनाडु में हम टीकाकरण के लिए डिजाइन किए गए ऑटो डिसेबल सीरिंज का उपयोग करते हैं। इन सिरिंजों में डेड स्पेस कम है और हम अधिक खुराक निकाल सकते हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की दक्षता भी महत्वपूर्ण थी। हमने स्वास्थ्य कर्मियों को निर्देश दिया कि अगर एक शीशी में 0.5 मिली बची है तो लाभार्थी को दी जा सकती है।
करूर, नागपट्टिनम, कन्याकुमारी, शिवकाशी, तेनकाशी और तिरुपुर जैसे जिलों ने आपूर्ति की गई खुराक के 100 प्रतिशत से अधिक का उपयोग किया है, जबकि चेन्नई में भी दस शीशी वाली बोतल से अधिक खुराके दी जा रही है। चेन्नई कॉरपोरेशन के मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डा. जगदीशन ने कहा कि चेन्नई कॉरपोरेशन ने वैक्सीन केन्द्रों को कम कर दिया और अधिक लोगों को एक साथ टीका दिए जाने पर काम किया गया। इस तरह हम बड़ी संख्या में लोगों को एक साइट पर लाने में सक्षम हुए जिसके परिणामस्वरूप एक शीशी का 100 प्रतिशत उपयोग किया जा रहा था।