नो डिटेंशन पॉलिसी रद्द : आठवीं कक्षा तक डिटेंशन न होने की नीति को वापिस लेने के बाद तमिलनाडु सरकार का ये बड़ा फैसला है। Tamilnadu सरकार ने घोषणा की है कि दोबारा परीक्षा में फेल होने वाले छात्रों को उस क्लास में रोका जा सकेगा। इस तरह से नो डिटेंशन पॉलिसी को खत्म कर दिया गया।
60 अंको का प्रश्न पत्र : राज्य में समीचीर कलैवी (समान सिलेबस) पाठ्यक्रम का अनुसरण करने वाले स्कूलों में कक्षा नौवीं तक प्रश्न पत्र सेट करने की स्वतंत्रता है। ज्ञापन के अनुसार हर प्रश्न पत्र 60 अंको का होगा और उसके लिए दो घंटे का समय दिया जाएगा। तमिलनाडु सरकार का कहना है कि प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने के पहले किसी भी छात्र को स्कूल से निष्कासित नहीं किया जाएगा।
शिक्षाविदों ने जताई चिंता : राज्य सरकार के इस फैसले के बाद शिक्षाविदों ने चिंता जताई है। स्कूल शिक्षा सचिव प्रदीप यादव ने कहा कि डिटेंशन नीति खत्म करने से जहांं बीच में स्कूल छोडऩे के आंकड़ों में गिरावट आई थी, वहीं उनकी शिक्षा के स्तर में भी गिरावट देखी गई थी। ऐसे बच्चे भी ऊंची कक्षाओं में पहुंच रहे थे जिन्हें पढऩे और लिखने की बेसिक जानकारी भी नहीं थी।
पहले भी उठाए है कड़े कदम: उल्लेखनीय है कि 2017 में तमिलनाडु सरकार ने कक्षा 11 के लिए बोर्ड परीक्षाएं शुरू की। इसका कारण यह था कि कक्षा 11 में पढ़ाए जाने वाले पाठ्यक्रम का महत्व प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए है। कई स्कूलों मेंं अपने स्कूल के 12 वीं के परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए ग्यारहवीं के भाग को पूरी तरह से छोड़ दिया जाता था और केवल 12 वीं कक्षा पर ध्यान केंद्रित किया जाता था।