शिक्षक अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं, क्योंकि उनमें से कई वायरस की चपेट में आ चुके हैं। मदुरै गवर्नमेंट आट्र्स कॉलेज के एक शिक्षक ने बताया कि छात्रों के लिए कक्षाएं नहीं होने के बावजूद शिक्षक अब कॉलेजों में आने को मजबूर हैं। अधिकांश शिक्षकों ने दोनों टीके ले लिए हैं, लेकिन इसके बावजूद, वे कोविड-19 की चपेट में आ रहे हैं। कई शिक्षक दूसरी बीमारी से ग्रस्त हैं और वायरस से प्रभावित होने के बाद उन्हें अस्पतालों में भर्ती कराया जा रहा है। सरकार को हमारी सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए और हमें राहत देने के लिए कुछ उपाय करने चाहिए।
शिक्षकों ने कहा कि ऑनलाइन कक्षाएं भी बंद कर दी गई हैं, लेकिन उन्हें सिर्फ ड्यूटी के लिए कॉलेजों में जाना पड़ रहा है और सरकार उन्हें ऐसा करने के लिए कह रही है। अधिकांश शिक्षक भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक परिवहन जैसे बसों और उपनगरीय ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं, जो खुद को वायरस के संपर्क में ला रहे हैं। चेन्नई में शिक्षक शहर में कोविड -19 संक्रमण की उच्च दर से चिंतित हैं।
चेन्नई के गवर्नमेंट आट्र्स कॉलेज के एक शिक्षक ने बताया, सरकार शिक्षकों के स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह दिख रही है, क्योंकि उनमें से अधिकांश को दूसरी बीमारी है और उन्हें सार्वजनिक परिवहन में यात्रा करना पड़ता है, जहां वे वायरस के संपर्क में आ सकते हैं। मैं सरकार से अनुरोध करता हूं। कम से कम बारी-बारी से स्कूल आने की आजादी दें।