सीएमआरएल के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मृदा (सॉइल) टेस्ट की रिपोर्ट के बाद यह तय किया जाएगा कि लाइन डालने को लेकर क्या दिक्कतें पेश आ सकती हैं। फिर उसी अनुरूप आगे के कदम उठाए जाएंगे।
चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना का प्रस्तावित यह चरण करीब 118.2 किमी का है जिसमें 104 स्टेशन बनने हैं। पहला गलियारा माधवरम मिल्क कॉलोनी से सिपकॉट, दूसरा गलियारा सीएमबीटी से लाइट हाउस और तीसरा गलियारा माधवरम मिल्क कॉलोनी से सोलंगीनल्लूर तक होगा।
दूसरे चरण में महानगर के प्रमुख इलाके जैसे वलसरवाक्कम, वडपलनी, सिपकॉट औद्योगिक परिक्षेत्र, सोलंगीनल्लूर, मेडवाक्कम, मडिपाक्कम, सेंट थामस माउंट आदि मेट्रो से जुड़ेंगे।
यह सभी इलाके घनी आबादी वाले हैं। सीएमआरएल के लिए पहले चरण की तुलना में दूसरा चरण अपेक्षाकृत ज्यादा चुनौतीपूर्ण होगा इसकी प्रमुख वजह जमीन की अवाप्ति है।
दिसम्बर 2018 में जापान इंटरनेशनल को-ऑपरेशन एजेंसी (जेआइसीए) ने चेन्नई मेट्रो रेल परियोजना के दूसरे चरण के लिए 20,196 करोड़ रुपये की वित्तीय मदद देने का वादा किया है।
तमिलनाडु सरकार का केंद्रीय वित्त मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव सीएस महोपात्रा तथा भारत में जापान के राजदूत केंजी हिरामात्सु की उपस्थिति में इस आशय से संबंधित दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ था।
दूसरे चरण के तहत पहले 52.01 किलोमीटर दूरी की मेट्रो बिछेगी।
मेट्रो-२ होगी स्वचालित
मेट्रो-२ की विशेषता यह भी होगी कि यह स्वचालित होगी। इसमें कोई लोको पायलट नहीं होगा।
मौजूदा 45 किमी की मेट्रो लाइन पर जो रोलिंग स्टॉक में यह सुविधा नहीं है। सीएमआरएल का अनुमान है कि दूसरे चरण के कार्य के पूरा होने के बाद 2025 से प्रतिदिन करीब 19.20लाख लोग मेट्रो की सवारी करेंगे।