कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री ने डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन की आलोचना की कि कुछ लोग लगातार देवी-देवताओं की निन्दा करते रहते हैं लेकिन चुनाव के वक्त उनको भगवान का स्मरण हो आता है।
ओपीएस ने तंज कसा कि डीएमके ने उत्तर भारत से लोगों की तैनाती की है ताकि विधानसभा चुनाव जीतने के उपाय कर सकें। अब जब कोई चारा नहीं बचा तो उनको हाथ में वेल उठाना पड़ रहा है। लेकिन यह तय है कि वे सत्ता में वापसी नहीं कर सकते। स्टालिन नित नए अवतार ले रहे हैं लेकिन राज्य की अवाम उन पर विश्वास करने को तैयार नहीं है। जयललिता ने जो भी जनहितकारी योजनाएं शुरू की थी उसका फायदा लोगों को मिल रहा है। डीएमके दस सालों से सत्ता से महरूम है। अगर वह शासन करती है तो स्वहित में ही मशगूल रहेगी।
मुख्यमंत्री पलनीस्वामी ने कहा कि एमजीआर और जयललिता ने ताजीवन राज्य की जनता के भले के लिए समर्पित होकर कार्य किया। उनके सेवा कार्य अविस्मरणीय हैं। इन नेताओं के मंदिर निर्माण के लिए उन्होंने मंत्री आरबी उदयकुमार को धन्यवाद दिया। सीएम ने दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों द्वारा किए गए कार्यों व उपलब्धियां का विस्तार से उल्लेख किया। उनका दावा था कि सीमांत व हाशिये पर बसे लोगों के उत्थान में कोई सरकार कार्यरत है तो वह एआईएडीएमके सरकार है। हम विश्वास दिलाते हैं कि २०२१ में भी उनकी पार्टी की ही सरकार सत्ता पर काबिज होगी।