सुबह तंजावुर पहुंचने के बाद टीम के सदस्यों ने ओरतुनाडु और पुदुर सहित अन्य क्षतिग्रस्त इलाकों का दौरा कर गांव के लोगों से बातचीत कर क्षति की जानकारी ली। साथ ही भुवनकाडु जाकर क्षतिग्रस्त हुए नारियल बागान का भी जायजा लिया।
गांव के किसानों ने विस्तृत रूप से अधिकारियों को अपनी परेशानी बताई। टीम के सदस्यों ने नेमिली तित्तियाकुडी गांव में जल्द से जल्द बिजली के बहाली के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों से भी बातचीत की।
इसी बीच पापांडु गांव के लोगों ने केंद्रीय टीम का विरोध करते हुए रोड रोको प्रदर्शन किया। गांव के लोगों ने आरोप लगाया कि केंद्रीय टीम गांव के अंदर दौरा कर क्षति का आकलन नहीं कर रही है। प्रदर्शन की सूचना मिलते ही पुलिस बल वहां पहुंची और मामला शांत कराया। जिसके बाद टीम के सदस्यों ने लोगों से मुलाकात कर उनकी शिकायत सुनी।
इसके अलावा केंद्रीय टीम के सदस्यों ने अलैकीड मोलै, पोत्तुकेट्टै, अतिरामपाटियम और मालिपनम गांव का भी दौरा किया। किसान एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी पीड़ा बताई।
तंजावुर में क्षति का आकलन करने के बाद टीम के सदस्य तिरुवारूर जिले के लिए रवाना हो गए। उल्लेखनीय है कि शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय में वरिष्ठ अधिकारी डेनियल ई. रिचर्ड के नेतृत्व में सात सदस्यीय टीम, जो कि शुक्रवार को यहां पहुंची थी, ने राज्य के मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी से मुलाकात की थी। इससे पहले मुख्यमंत्री नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर राहत कार्यो के लिए १५ हजार करोड़ जारी करने का आग्रह किया था।
राहत पैकेज जारी करने को लेकर राज्य सरकार केंद्र पर बनाए दबाव
हाल ही तमिलनाडु के कुछ जिलों में आए गाजा चक्रवात से उत्पन्न हुए हालात को गंभीरता से लेते हुए डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने रविवार को कहा कि हालात से निपटने के लिए राज्य सरकार द्वारा केंद्र से की गई १५ हजार करोड़ की मांग पर्याप्त नहीं है। यहां हवाईअड्डे पर पत्रकारों से वार्ता में केंद्रीय टीम द्वारा प्रभावित क्षेत्रों का किए जा रहे दौरा पर स्टालिन ने कहा वे चाहते हंै कि क्षति का तत्काल आकलन हो, लेकिन केंद्रीय टीम को लोगों की समस्याओं की चिंता नहीं है। वे लोग कहते हंै कि रात के समय आकलन करना सही नहीं है।
इसके अलावा केंद्रीय टीम के सदस्य जिले के कुछ ही इलाकों का दौरा भी कर रहे हैं। उन्होंने कहा उत्पन्न हुए हालात की बहाली के लिए १५ हजार करोड़ की राशि बहुत कम है। राज्य सरकार को केंद्र पर ज्यादा पैसों के आवंटन के लिए दबाव डालना चाहिए। ऐसे हालात उत्पन्न होने के बाद भी प्रधानमंत्री अब तक राज्य के दौरा पर नहीं पहुंचे, पर स्टालिन ने कहा उन्हें नहीं पता कि प्रधानमंत्री कहा पर हैं। मुझे तो यह भी नही पता कि वे भारत में हैं या विदेश में। विदेशों के दौरे के बाद संभवत: प्रधानमंत्री क्षतिग्रस्त इलाकों का दौरा कर सकते हैं। स्टालिन ने कहा वर्तमान के हालात को देखते हुए इस बार तो केंद्र सरकार को पर्याप्त राहत पैकेज जारी करना ही चाहिए।