आपसी खींचतान में मुद्दे हो गए गौण
-विकास और रोजगार सरीखे मुद्दों को मिले प्राथमिकता -पत्रिका के अभियान मुद्दा क्या हैं में खुलकर बोले प्रवासी
आपसी खींचतान में मुद्दे हो गए गौण
चेन्नई. लोकसभा चुनाव सिर पर हैं लेकिन इस बार लगता हैं मुद्दे गौण हैं। राजनीतिक दलों के नेता आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में उलझ कर रह गए हैं। ऐसे में विकास, रोजगार समेत तमाम मुद्दे कहीं पीछे छूट गए हैं। हर कोई एक-दूसरे की खामिया निकलने में लगे हैं। महानगर में सोमवार को राजस्थान पत्रिका के मुद्दा क्या हैं अभियान में यही बात उभर कर सामने आई। लोगों ने कहा कि हर चुनाव से पूर्व प्रमुख राजनीतिक दलों की ओर से घोषणा पत्र जारी किए जाते हैं लेकिन चुनाव के बाद घोषणा पत्र की अधिकांश बातों को भुला दिया जाता है। चुनाव से पहले नेता बड़े-बड़े वादे जरूर करते हैं लेकिन चुनाव के बाद वही वादे केवल वादे बनकर रह जाते हैं।
देश में सात चरणों में लोकसभा चुनाव हो रहे हैं। तमिलनाडु में दूसरे चरण में 18 अप्रेल को एक ही दिन सभी 39 लोकसभा सीटों के लिए मतदान होगा। नतीजे 23 मई को घोषित किए जाएंगे।
चर्चा के दौरान लोगों ने कहा कि आज भ्रष्टाचार का दायरा फैलता जा रहा है। इस पर लगाम लगाने की जरूरत है। किसी भी सरकारी दफ्तर में चलें जाएं तो छोटे से कार्य के लिए भी लम्बा समय लग जाता है। काम में पारदर्शिता की दरकार महसूस की जाने लगी है। चुनाव में राजनीतिक दलों को पेयजल, स्वास्थ्य, सडक़, शिक्षा जैसी मूलभूत चीजों को प्राथमिकता के रूप में लेना चाहिए।
चेन्नई गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष पवनकुमार अग्रवाल ने कहा कि इस बार लोकसभा चुनाव में मुद्दों को भुला दिया गया है। विकास जैसे मुद्दे प्रमुखता से उठाए जाने चाहिए। देश का विकास सर्वोच्च प्राथमिकता होना चाहिए। इसके साथ ही लोगों को रोजगार मिले। रोजगार के लिए ठोस नीति व योजना बननी चाहिए। यदि लोगों को रोजगार सुलभ होगा तो गरीबी खत्म हो जाएगी। अग्रवाल ने कहा कि देशभर में ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में लाखों लोगों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिला हुआ है। ऐसे में आने वाली सरकार को ट्रांसपोर्टरों के लिए ऐसी योजनाएं लागू करनी चाहिए जिससे ट्रांसपोर्ट उद्योग को पंख लग सकें।
बिल्डर्स एवं प्रमोटर गजेश शाह ने कहा कि केन्द्र ने आवास योजना तो शुरू की है लेकिन इसका लाभ हर वर्ग को मिल नहीं पाया है। ऐसी पारदर्शी व्यवस्था की जानी चाहिए जिससे सरकार जो भी योजना लागू करें उसका लाभ हर वर्ग को मिल सकें।
रेस्टोरेन्ट व्यवसायी धर्म परवानी ने कहा कि मौजूदा समय में लोग जागरूक तो हुए हैं लेकिन अब भी लोकतंत्र को और प्रभावी बनाने के लिए बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है।
ट्रांसपोर्टर अनिल गुप्ता ने कहा कि चेन्नई गुड्स ट्रांसपोर्टर एसोसिएशन की ओर से समय-समय पर ट्रांसपोर्टर के हित में कई कार्य किए जा रहे हैं। सरकार चाहे किसी भी दल की बनें वे ट्रांसपोर्ट के क्षेत्र में भी मजबूती के साथ काम करें ताकि देश में विकास को पंख लग सकें।
रेस्टोरेन्ट व्यवसायी श्याम परवानी ने कहा कि चुनाव से पहले राजनीतिक दलों के नेता वादे करते हैं लेकिन उन वादों पर इतना अमल नहीं हो पाता है। जो वादे किए जाएं उन पर वे खरे उतरें। तभी लोगों का राजनीतिक दलों पर विश्वास कायम रह पाएगा।