स्टालिन ने कहा कि तीन संगठनों को 15 टन ऑक्सीजन के उत्पादन की अनुमति दी गई है और 7,500 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर राज्य उद्योग संवर्धन निगम तमिलनाडु लिमिटेड (एसआईपीसीओटी) और अन्य उद्योगों द्वारा प्राप्त की गई है। उनके अनुसार सिप्कोट यानी स्टेट इंडस्ट्रीज प्रमोशन को-आपरेशन ऑफ तमिलनाडु लिमिटड की ओर से सिंगापुर से 500 ऑक्सीजन सिलेंडर हवाई मार्ग से लाया गया है। अन्य 1,650 सिलेंडर वहां से समुद्र के द्वारा लाए जा रहे हैं।
स्टालिन ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और रक्षा अनुसंधान विकास संगठन (डीआरडीओ) संयुक्त रूप से 142 मिनी ऑक्सीजन उत्पादन केंद्र स्थापित कर रहे हैं और राज्य सरकार इस गतिविधि को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न उद्योगों के माध्यम से 13 मिनी ऑक्सीजन इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।
अकेले कोविड-19 शमन के लिए मुख्यमंत्री जन राहत कोष के तहत जुटाई गई धनराशि को खर्च करने के राज्य सरकार के नीतिगत निर्णय की ओर इशारा करते हुए, स्टालिन ने उद्योगपतियों से कोष में उदारता से योगदान करने का अनुरोध किया। इस बीच, शहर स्थित औद्योगिक समूह मुरुगप्पा समूह ने कहा कि उसने मुख्यमंत्री जन राहत कोष में 6 करोड़ रुपये का योगदान दिया है।