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चेन्नई

टर्मिनस में बसों के बीच दुपहिया वाहनों की पार्किंग

यहां बस टर्मिनस की स्थिति बहुत दयनीय बनी हुई है क्योंकि इस टर्मिनस में बसों के बीच ही दुपहिया वाहनों की पार्किंग की जाती है। इसका कारण है टर्मिनस में पार्किंग नहीं होना। बसों पार्किंग के समस्या से जूझ रही है।

चेन्नईOct 03, 2018 / 01:30 pm

Santosh Tiwari

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टर्मिनस में बसों के बीच दुपहिया वाहनों की पार्किंग

पुदूचेरी. यहां बस टर्मिनस की स्थिति बहुत दयनीय बनी हुई है क्योंकि इस टर्मिनस में बसों के बीच ही दुपहिया वाहनों की पार्किंग की जाती है। इसका कारण है टर्मिनस में पार्किंग नहीं होना। बसों पार्किंग के समस्या से जूझ रही है। इस टर्मिनस में बस पार्किंग के लिए तीन प्लेटफार्म बने हुए हैं। इनमें से दो में बाहरी जिलों और राज्यों से आने वाली बसें खड़ी होती है जबकि एक स्थानीय बसों के लिए है। अब परेशानी यह है कि इस टर्मिनस परिसर में जगह की कमी होने के कारण बस चालकों को जहां बसों की आवाजाही कराने में जद्दोजहद करनी पड़ती है तो दूसरी ओर यात्रियों को अपने गंतव्य की बसें पकडऩे में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में जिस तरह यात्रियों की तादाद बढ़ी है उसी अनुपात में कई जिलों से पुदुचेरी के लिए बसों की संख्या भी बढ़ाई गई है लेकिन बस टर्मिनस में जगह उतनी ही है जिससे यह लगातार सिकुड़ता जा रहा है। इसी का परिणाम है यहां आने वाले लोग अपनी अपने दुपहिया वाहन बसों के बीच ही पार्क कर देते हैं।
बस टर्मिनस में अतिक्रमण
एक तरफ जहां बस टर्मिनस में जगह का अभाव है वहीं दूसरी तरफ टर्मिनस मेंं अवैध बाइक पार्किंग भी कोढ में खाज बनी हुई है। बस चालकों का कहना है कि टर्मिनस परिसर के दुकानदार अपनी बाइक प्राय: वहीं पार्क करते हैं जहां चेन्नई के लिए बसें खड़ी होती हैं। इसलिए टर्मिनस में चेन्नई की आवाजाही करने वाली बसों को प्लेटफार्म नहीं मिलता। इसके चलते यात्रियों को बसों के इंतजार में प्रमुख मार्ग पर खड़े होना पड़ता है।
निजी बसों की भरमार
पुदुचेरी बस टर्मिनस से महज १० प्रतिशत ही सरकारी बसों का संचालन होता है जबकि ९० प्रतिशत निजी बसें चलाई जाती है। दक्षिणी जिलों जैसे सेलम, मदुरेै, तिरुचि, कुंभकोणम, राजपालयम, तंजावुर आदि की बसें प्लेटफार्म संख्या दो से संचालित होती हैं लेकिन इस प्लेटफार्म पर लोकल निजी बसों की भरमार होने के कारण बाहरी जिलों की बसों को जगह नहीं मिल पाती। तमिलनाडु के अन्य जिलों के लिए जाने वाले यात्रियों को अपने गंतव्य की बसें ढूंढऩे में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
स्मार्ट बस टर्मिनस का होगा निर्माण
गौरतलब है कि विगत रविवार को पुदुचेरी के मुख्यमंत्री नारायणस्वामी ने स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम के तहत यह घोषणा की थी कि स्मार्टसिटी योजना के तहत पुदुचेरी में ३०० करोड़ रुपए की लागत से स्मार्ट बस टर्मिनस का निर्माण कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा बस टर्मिनस से प्रतिदिन १५०० बसें अन्य जिलों और राज्यों के लिए संचालित हो रही है। यहां जगह के अभाव के कारण यात्रियों और चालकों को हो रही परेशानी से आगामी कुछ वर्षों में निजात मिलेगी।
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यात्रियों की जुबानी…
चेन्नई के लिए बने अलग प्लेटफार्म
सोमवार को यात्रियों को समय से बसें नहीं मिलने के कारण ड्यूटी पर जाने में परेशानी होती है। बस टर्मिनस में चेन्नई जाने वाली बसों में भीड़ अधिक रहती है जबकि बाहरी जिलों से आने वाली बसों को टर्मिनस में प्रवेश नहीं मिल पाता है। इसलिए चेन्नई के लिए एक अलग प्लेटफार्म की व्यवस्था होनी चाहिए।
के. सुधाकर कुमार, नौकरीपेशा, आईटी सेक्टर
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निजी बसों की अवैध पार्किंग
लोकल बसों के लिए सिर्फ एक ही प्लेटफार्म आवंटित है लेकिन इनके बस चालकों ने दोनों प्लेटफार्म पर कब्जा जमा रखा है। इसलिए, सेलम, तिरुचि, कोयम्बत्तूर, दिंडीवनम, विल्लीपुरम, मदुरै, रामेश्वरम आदि स्थानों की बसों को मुख्य मार्ग से संचालित करना पड़ता है।
आर. दिनकरण, स्थानीय दुकानदार, पुदूचेरी

संकरी गलियों में चले मिनी बसें
पुदूचेरी के मधुकरै, करैयामाणिकम, पक्कम रूट रोड, इंबालम सरीखे तटीय और सुदूर देहाती इलाकों जहां संकरी गलियां हैं में मिनी बसों का संचालन होना चाहिए ताकि शहर के लोगों को परेशानी न हो।
एन. सुदर्शन, सामाजिक कार्यकर्ता, विल्लनूर
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