दलित संघर्ष पर आधारित अभिनेता धनुष की फिल्म असुरन में पंचमी जमीन के मसले पर फिल्म देखने के बाद डीएमके अध्यक्ष ने कहा था कि यह फिल्म नहीं सबक है।
स्टालिन की यह प्रतिक्रिया चर्चा का विषय बन गई थी। पीएमके संस्थापक डा. एस. रामदास सहित कई नेताओं ने आरोप लगाया कि डीएमके के मुखपत्र मुरासोली के कार्यालय का निर्माण पंचमी जमीन पर हुआ है। क्या स्टालिन इस फिल्म से सबक लेकर वह जमीन लौटा देंगे?
डीएमके अध्यक्ष ने इन आरोपों को ठुकराते हुए कहा कि यह पंचमी जमीन नहीं है। निजी व्यक्तियों से खरीदी गई पट्टाशुदा जमीन है। अगर कोई इसे पंचमी जमीन साबित कर देता है तो वे राजनीति से संन्यास ले लेंगे।
इस पृष्ठभूमि में भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश सचिव श्रीनिवासन ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग में शिकायत दर्ज कराई कि मुरासोली का दफ्तर दलितों के लिए आवंटित पंचमी जमीन पर है इसे अवाप्त करने की उचित कार्रवाई की जाए।
इस शिकायत के आधार पर आयोग ने मुरासोली के प्रबंध निदेशक होने के नाते अभिनेता उदयनिधि स्टालिन को इस सिलसिले में नोटिस भेजा गया है। आगामी १९ नवम्बर को आयोग के उपाध्यक्ष मुरुगन उदयनिधि स्टालिन से पूछताछ करेंगे।