उन्होंने कहा कि गत 18 अक्टूबर को जब पुदुकोट्टै जिले के मछुआरे मछली पकडऩे समुद्र में उतरे थे तो श्रीलंकाई नौसेना ने उनकी नाव का पीछा किया और इस घटना में तीन मछुआरे समुद्र में गिर गए थे। दो मछुआरों को सुरक्षित बचा लिया गया था, लेकिन एक डूब गया था। श्रीलंकन सरकार ने डूबने वाले मछुआरे का शव भारत सरकार को सौंपा और उसके बाद सरकार ने पीडि़त परिजनों को दे दिया। लेकिन अन्य दो मछुआरों के बारे में कुछ पता नहीं चला है और श्रीलंकन सरकार ने अब तक कुछ जानकारी भी नहीं दी है। स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सरकार को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
इससे पहले तिरुमावलवन ने मरे हुए एक मछुआरे के पीडि़त परिजनों को मुआवजा प्रदान करने का आग्रह किया। साथ ही सरकार से राज्य के मछुआरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की। उन्होंने केंद्र से श्रीलंका सरकार के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने और स्थानीय मछुआरों के मछली पकडऩे के अधिकारों की रक्षा करने का भी आग्रह किया।