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चेन्नई

जेब्रा क्रासिंग पर रेड सिग्नल की परवाह नहीं करते वाहन चालक

सड़सठ वर्षीय पच्चैमुत्तु पूझल के जेब्रा क्रासिंग पर लाल बत्ती होने का इंतजार करते हैं और ज्योंही लालबत्ती होती है वह तेजी से सडक़ पार करने का प्रयास करता है, इसी…

चेन्नईJun 21, 2019 / 12:08 am

मुकेश शर्मा

Vehicle driver does not care about red signal on Gebra crossing

Vehicle driver does not care about red signal on Gebra crossing

चेन्नई।सड़सठ वर्षीय पच्चैमुत्तु पूझल के जेब्रा क्रासिंग पर लाल बत्ती होने का इंतजार करते हैं और ज्योंही लालबत्ती होती है वह तेजी से सडक़ पार करने का प्रयास करता है, इसी बीच सामने से आ रहा बाइक सवार उसे टक्कर मार कर निकल जाता है। वहां खड़े लोग उसे उठाकर अस्पताल पहुंचाते हैं। निर्मला पंूदमल्ली हाई रोड से राजा अन्नामलै रोड पर जाने के लिए सडक़ किनारे खड़ी है, कुछ देर बाद जब लालबत्ती होती है तो वह सडक़ पार करते समय कार की चपेट में आकर चोटिल हो जाती है।

ट्रेफिक नियमों की कोई परवाह नहीं

महानगर में सैकड़ों में आमतौर पर दुर्घटनाओं के बचाव एवं यातायात सामान्य तरीके से चलते रहने के लिए हर उस रोड के चौराहों पर यातायात सिग्नल लगा हुआ है जो भीड़भरा होता है और जिस पर वाहनों का आवागमन अधिक होता है। इतना ही नहीं वहां यातायातकर्मी भी तैनात किए गए हैं जो वाहनों के यातायात को सुगम बनाए रखने में सहायता करते हैं। बावजूद इसके महानगर के यातायात सिग्नलों पर राहगीरों का चोटिल होना आम बात सी हो गई है। इसका मुख्य कारण वाहन चालकों द्वारा ट्रेफिक नियमों का अवहेलना करना है। हालांकि अनेक बड़ी सडक़ों के प्रमुख चौराहे पर पुलिसकर्मी चौकन्ने नजर आते हैं फिर भी कई क्रॉसिंग ऐसे हैं जहां पर पुलिस की ड्यूटी नहीं होने के कारण लालबत्त्ती जलने के बाद भी वाहन चालक ठहरना मुनासिब नहीं समझते। परिणामत: उन क्रॉसिंग पर राहगीर वाहनों की चपेट में आकर गंभीर रूप से घायल हो जाते हैं।

मिली जानकारी के अनुसार महानगर में उत्तर चेन्नई के अधिकांश जेब्रा क्रासिंग्स पर पुलिस तैनात नहीं रहती है। कई क्रासिंग तो ऐसे हैं जिन पर ट्रेफिक सिग्नल ही नहीं है जबकि कई जगह यातायात सिग्नल होने के बावजूद वाहन चालक उसका अनुपालन नहीं करते हैं।

बतादें कि ओल्ड जेल रोड स्थित मूलकोत्तलम जेब्रा क्रॉसिंग मिंट बस टर्मिनस के पास बना हुआ है। इस क्रॉसिंग पर दिनभर में हजारों राहगीर सडक़ पार करते हैं, इसके बावजूद यहां यातायात सिग्नल नहीं है। इसके कारण वाहन चालक सडक़ पार करते समय राहगीरों की परवाह नहींकरते हैं जो अक्सर खतरनाक साबित हो रहे हंै। उनकी इस बेपरवाही के कारण अनेक लोग उनकी चपेट में आकर घायल हो जाते हैं। यहां से रोड पार करने वाले आर दिनकरण ने कहा कि इस क्रॉसिंग पर हर महीने पांच से अधिक राहगीर चोटिल हो जाते हैं क्योंकि वाहन चालक यहां से तेज रफ्तार से गुजरते हैं। यहां पर पुलिस की तैनाती भी नहीं है जबकि यहां यातायात पुलिस की खास दरकार है।

ऐसा ही हाल पोन्नीअमनमेडु सिग्नल का है जहां महीनेभर में दर्जनों राहगीर हादसे का शिकार हो जाते हैं। हालांकि इस क्रॉसिंग पर ट्रेफिक सिग्नल तो है लेकिन वाहन चालक इस क्रासिंग की परवाह बहुत कम करते हैं। यही कारण है कि यहां भी कई गंभीर हादसे घटित हो जाते हैं।

हादसों के मामले में पूझल जेल क्रॉसिंग भी पीछे नहीं है। खासकर रात के समय यहां पर सडक़ पार करना खतरे से खाली नहीं है। कोलकाता हाइवे होने के कारण इस पर वाहनों की रफ्तार इतनी तीव्र होती हैं कि जरा सी चूक होते ही लोग वाहन की चपेट में आ जाते हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि पूझल जेल क्रॉसिंग पर पुलिसकर्मी नदारद होते हैं जबकि इस क्रॉसिंग से दिनभर में हजारों लोग आवाजाही करते हैं।
कावांकरै निवासी सी गुरुनाथन का कहना था कि सुबह मार्निंग वाक में जाते समय कावांकरै क्रॉसिंग से गुजरना आसान नहीं है। कोलकाता हाइवे से आने वाले वाहन चालक अक्सर यातायात सिग्नल की परवाह नहीं करते।

यही स्थिति कमोबेस पाडि जेब्रा क्रासिंग पर भी है। यहां दो सौ फीट रोड से राहगीर बड़ी संख्या में सडक़ पार करते हैं लेकिन यहां यातायात सिग्नल नहीं है और न ही इस क्रॉङ्क्षसग पर पुलिस तैनात है। यही कारण है कि इस क्रासिंग पर वाहनों की चपेट में आकर कई लोग जान गंवा बैठे हैं। विलीवाक्कम निवासी आर. जयरामन का कहना था कि सरकार को पाडि क्रॉसिंग पर पुलिस तैनात करनी चाहिए क्योंकि यहां से हर दिन हजारों लोग सडक़ पार करते हैं।

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