धन्यवाद.. अलविदा…
विजय सेतुपति ने मुथैया मुरलीधरन के नोट को ट्वीट करते हुए लिखा, ‘धन्यवाद.. अलविदा…’ इस नोट में मुथैया मुरलीधरन ने विजय सेतुपति को 800 फिल्म से वापस लेने का अनुरोध किया। उन्होंने यह भी कहा कि वह नहीं चाहते थे कि तमिलनाडु के महान कलाकार के करियर पर कोई आंच आए, इसलिए उन्होंने विजय से फिल्म छोडऩे का अनुरोध किया। जिसे विजय ने स्वीकार भी कर लिया।
विरोध
फिल्म साइन के फैसले की वजह से तमिलनाडु के कई लोग विजय सेतुपति से काफी नाराज थे। और खुलकर उनकी आलोचना और निंदा कर रहे हैं। कई राजनीतिक पार्टियों ने भी विजय सेतुपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। सबसे करारा हमला पट्टाली मक्कल कच्ची यानी पीएमके पार्टी के संस्थापक एस. रामदास ने किया।
निशाने पर सेतुपति
विजय सेतुपति तमिलनाडु में काफी लोकप्रिय हैं। वह एक उम्दा अभिनेता-कलाकार के साथ-साथ गीतकार, संवाद-लेखक और फिल्मकार भी हैं। प्रयोगात्मक फिल्में करने के लिए चर्चा में रहते हैं। चुनिंदा किरदार ही निभाते हैं। विजय सेतुपति अपने दमदार अभिनय से किरदारों में जान डाल देते हैं। विजय सेतुपति ने जीवन में काफी संघर्ष किया और अपनी कला के दम पर वे आगे बढ़े हैं। उनसे पहले उनके परिवार में किसी ने फिल्मों में काम नहीं किया था।
तमिलों का दमन
श्रीलंका की सरकार ने सेना की मदद से आंदोलनकारी तमिलभाषियों को निशाना बनाया। तमिलनाडु के कई राजनेताओं का कहना है कि श्रीलंकाई सेना ने मासूम तमिलभाषियों पर हमले किए और महिलाओं और बच्चों की भी हत्या करवाई। जान बचाने के लिए कई तमिलभाषियों ने भारत में शरण ली।
तमिलनाडु के कुछ राजनेता आरोप लगाते हैं कि तमिलभाषियों पर अत्याचार करने, कराने वाले राजपक्षे परिवार का मुथैया मुरलीधरन ने हमेशा समर्थन किया और तमिलभाषी होने के बावजूद कभी तमिलभाषियों के लिए कोई काम नहीं किया। इतना ही नहीं, कई संदर्भों में मुथैया मुरलीधरन ने आंदोलनरत तमिलभाषियों का मजाक भी उड़ाया।