पलनीस्वामी ने जल संरक्षण के विविध उपाय गिनाते हुए कहा कि इस आंदोलन में कार्पोरेट क्षेत्र के सीएसआर से फंड जुटाया तथा जनता की भागीदारी को बढ़ाया जाएगा। इसके अलावा एनजीओ की मदद भी ली जाएगी। उन्होंने बताया कि इस आंदोलन के माध्यम से मानसून पूर्व ही हर साल जलस्रोतों की सफाई व इनकी गहराई बढ़ाकर जल संचयन के स्तर को बढ़ाया जाएगा।
मुख्यमंत्री पलनीस्वामी ने विधानसभा को यकीन दिलाया कि केंद्र सरकार के प्रस्तावित बांध सुरक्षा बिल को वापस लेने का अनुरोध करते हुए केंद्र सरकार पर दबाव बनाया जाएगा। यह बिल तमिलनाडु के हितों के अनुकूल नहीं है। विधानसभा में विपक्ष के नेता एम.के. स्टालिन शनिवार को इस मसले पर विशेष आकर्षण प्रस्ताव लाए। उन्होंने इस बिल को देश की संघीय व्यवस्था के विपरीत तथा राज्यों के अधिकारों पर अतिक्रमण बताया।
विशेष प्रस्ताव पर सीएम का जवाब था कि वे इस बारे में केंद्र सरकार को कई पत्र लिख चुके हैं। वे लगातार केंद्र से अनुरोध करते आ रहे हैं कि इस बिल को वापस ले लिया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस बारे में उन्होंने निजी तौर पर ज्ञापन भी दिया। एआईएडीएमके सांसदों ने संसद परिसर में इस पर विरोध प्रदर्शन भी किया।
सीएम ने कहा कि यह बिल तमिलनाडु के हित में नहीं है। इस बिल से तमिलनाडु अन्य राज्यों में स्थित उसके नियंत्रण वाले बांधों के अनुरक्षण के लिए पड़ोसी राज्यों पर आश्रित हो जाएगा। पलनीस्वामी ने विधानसभा को विश्वास दिलाया कि राज्य हरसंभव उपाय करेगा कि केंद्र पर दबाव बनाकर इस बांध सुरक्षा बिल को वापस लिया जाए।