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चेन्नई

water scarcity in chennai : लोगों की नींद उड़ गई टैंकर के इंतजार में!

जलसंकट water scarcity से साहुकारपेट भी खासा प्रभावित हो रहा है। साहुकारपेट में वर्षों से व्यापार कर रहे प्रवासी हिंदी भाषियों का कहना है कि पानी का संकट तो चेन्नई chennai में पहले भी हुआ था लेकिन इस कदर नहीं।

चेन्नईJun 29, 2019 / 12:41 pm

shivali agrawal

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water scarcity in chennai : लोगों की नींद उड़ गई टैंकर के इंतजार में!

चेन्नई. जल ही जीवन है,जल के बिना जीवन की कल्पना भी करना मुश्किल है। जल की कमी से जहां आर्थिक रूप से कमजोर लोग परेशान हैं वहीं बहुमंजिला इमारतों में रहने वाले लोगों की दिनचर्या भी पानी की कमी ने बिगाड़ दी है। जलसंकट water scarcity से साहुकारपेट भी खासा प्रभावित हो रहा है। साहुकारपेट में वर्षों से व्यापार कर रहे प्रवासी हिंदी भाषियों का कहना है कि पानी का संकट तो चेन्नई Chennai में पहले भी हुआ था लेकिन इस कदर नहीं। २०१५ के मार्च अप्रैल मे भी चेन्नई जलसंकट से जूझ रहा था लेकिन उस समय समस्या इतनी विकराल नहीं थी जितनी अबकी बार है इस बार तो सारे रिकार्ड तोड़ दिए हैं। जहां घर के कुएं सूख चुके हैं वहीं टैंकर लॉरी भी अब दगा देने लगे हैं। बुकिंग करने के तीन चार दिन तक तो वाटर टैंकर का इंतजार करना पड़ता है। अक्सर बड़े वाटर टैंकर साहुकारपेट में रात के समय ही प्रवेश करते हैं क्योंकि दिन में भारी वाहनों का प्रवेश निषेध है।
कोंडितोप निवासी प्रभात सिंह ने बताया कि इलाके में हालत यह हो गई है कि वाटर टैंकर ने लोगों की नींद उड़ा दी है। वे जब तक टैंकर नहीं आता सो नहीं पाते।
अन्नापिल्लै स्ट्रीट निवासी राजकुमार साहनी ने बताया कि साहुकारपेट तो अभिजात्यों और अमीरों का इलाका है लेकिन इस बार जलसंकट ने तो सभी को एक जैसा बना दिया है। हर परिवार को अब वाटर टैंकर का ही इंतजार रहता है, उसके आए बिना प्यास बुझाना मुश्किल है।
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विगत तीन महीनों से महानगर में पानी की हो रही घोर किल्लत के बारे में प्रवासियों के विचार कुछ इस प्रकार हैं :
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जब तक टैंकर नहीं आता सो नहीं पाते
हमें तो स्ट्रीट में आर रहे मेट्रो वाटर के टैंकर का पानी भी नहीं मिलता। मेट्रो वाटर टैंकर का पानी तो स्थानीय तमिल लोग ही भर लेते हैं। हमें तो चार दिन के अंतराल पर १२ हजार लीटर क्षमता वाला टैंकर मंगाना पड़ता है जो बमुश्किल चार से पांच दिन चलता है जबकि एक टैंकर पर साढ़े चार हजार रुपए खर्च बैठता है।
– कुसुम सिंघवी, गृहिणी
पेरुमाल कोईल गार्डन स्ट्रीट, साहुकारपेट
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एसी के पानी से होता है घर साफ
पानी की किल्लत इस कदर है कि एसी से गिरने वाले पानी को घर मेें पौंछा लगाने में उपयोग करना पड़ता है। पानी की कमी के चलते बच्चों का समय पर स्कूल भेजना आसान नहीं है।
-राजू सुराणा, साहुकारपेट
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काम का टेंशन कम पानी का ज्यादा
पिछले दो महीने से काम का टेंशन तो कम है उससे भी अधिक पानी का टेंशन हो गया है। टैंकर के लिए फोन करने के चार दिन बाद पानी आता है। वाटर टैंकर बड़ी और चौड़ी गलियों तक ही आती है तंग गलियों में नहीं, इसलिए पानी के संकट से जीवन प्रभावित हो रहा है।
-राजकुमार आवर, व्यवसायी,
साहुकारपेट
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