———————————————— जब तक टैंकर नहीं आता सो नहीं पाते
हमें तो स्ट्रीट में आर रहे मेट्रो वाटर के टैंकर का पानी भी नहीं मिलता। मेट्रो वाटर टैंकर का पानी तो स्थानीय तमिल लोग ही भर लेते हैं। हमें तो चार दिन के अंतराल पर १२ हजार लीटर क्षमता वाला टैंकर मंगाना पड़ता है जो बमुश्किल चार से पांच दिन चलता है जबकि एक टैंकर पर साढ़े चार हजार रुपए खर्च बैठता है।
– कुसुम सिंघवी, गृहिणी
पेरुमाल कोईल गार्डन स्ट्रीट, साहुकारपेट
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पानी की किल्लत इस कदर है कि एसी से गिरने वाले पानी को घर मेें पौंछा लगाने में उपयोग करना पड़ता है। पानी की कमी के चलते बच्चों का समय पर स्कूल भेजना आसान नहीं है।
-राजू सुराणा, साहुकारपेट
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पिछले दो महीने से काम का टेंशन तो कम है उससे भी अधिक पानी का टेंशन हो गया है। टैंकर के लिए फोन करने के चार दिन बाद पानी आता है। वाटर टैंकर बड़ी और चौड़ी गलियों तक ही आती है तंग गलियों में नहीं, इसलिए पानी के संकट से जीवन प्रभावित हो रहा है।
-राजकुमार आवर, व्यवसायी,
साहुकारपेट