इसी दौरान सभी को उपहारस्वरूप पौधे भेंट किए गए जो एक सकारात्मक और वार्षिक थीम के अनुरूप सराहनीय प्रयास था। पौधों की भेंट पाकर विद्यार्थी एवं अभिभावक प्रसन्न हो गए। इस वर्ष भर्ती हुए नए विद्यार्थियों ने कॉलेज परिसर में आना शुरू कर दिया। प्रत्येक के साथ उनके माता-पिता या बड़े भाई या बहन भी आए थे। अधिसंख्य आगंतुकों से परिसर भरा हुआ था। सभी के चेहरों पर कॉलेज के बारे में बहुत कुछ जानने की जिज्ञासा स्पष्ट झलक रही थी। कॉलेज के महानिदेशक और सचिव के आगमन एवं यूनिका द्वारा की गयी प्रभु वन्दना से कार्यक्रम शुरू हुआ।
दीप प्रज्ज्वलन के उपरान्त महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. जोसफ दुरै ने महाविद्यालय में होने वाली समस्त शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आयोजन का प्रमुख उद्देश्य नवागंतुक विद्यार्थियों को कॉलेज के वातावरण में सहज होकर जीने का, एक नए सदस्य के रूप में स्वागत और मेल-मिलाप का तथा एक अपरिचित माहौल से परिचित होने के लिए अवसर प्रदान करना है। आनन्दप्रिया ने महाविद्यालयीन सत्र की परीक्षाओं तथा पाठ्यक्रम आदि के बारे में जानकारी दी।
विशेष उद्बोधन के रूप में कॉलेज के महानिदेशक जॉनसन रेक्स ने वर्ष 2018-19 की थीम पर अपना वक्तव्य दिया। हिन्दी विभागाध्यक्ष डॉ. रविता भाटिया ने धन्यवाद प्रस्तुत किया। क्रिस्टी तथा अभिनया ने आयोजन में सहयोग दिया। लक्ष्मी कुमारी ने संचालन किया।
ईसीआर के अवैध निर्माण पर निगम एवं सीएमडीए ने आंखों पर बांधी पट्टी
एक सलाहकार (अमीकस क्यूरी) ने शनिवार को मद्रास उच्च न्यायालय को बताया कि महानगर के उपनगरीय इलाके ईस्ट कोस्ट रोड के समुद्र तट के निकट एवं मुख्य विस्तारित क्षेत्रों में अवैध निर्माण का कार्य जारी होने के बावजूद महानगर निगम एवं सीएमडीए अनियमितता की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
अमीकस क्यूरी पर संज्ञान लेते हुए न्यायमूर्ति एम. सत्यनारायणन तथा जी. के. इलांदिरैयन ने मद्रास महानगर निगम एवं सीएमडीए को इस अवैध निर्माण के संयुक्त निरीक्षण के बाद आगे की स्थिति रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया है। इस दौरान पीठ ने कथित तौर पर ईसीआर में तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) द्वितीय मानदंडों का उल्लंघन करने वाले अभिनेता कमल हसन समेत 143 लोगों द्वारा किए निर्माण की विद्युत आपूर्ति जारी रखने के अपने अंतरिम आदेश का विस्तार किया। उल्लेखनीय है कि न्यायालय द्वारा नियुक्त सलाहकार टी. मोहन अधिवक्ता ने पाया कि हाल ही में न्यायालय ने निगम और सीएमडीए को एक सर्वेक्षण कर इस इलाके में सीआरजेड नियमों का उल्लंघन कर अवैध निर्माण की पहचान करने का निर्देश दिया था।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में कहा कि अगर इन दोनों संस्थानों ने इस काम को किया है तो निश्चित रूप से उन्हें यहां के कई अवैध निर्माणों की जानकारी होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा है कि अभी भी यहां पर अवैध निर्माण का काम धड़ल्ले से जारी है इसके बावजूद ये दोनों एजेंसियां इस अनियमितता को लेकर अपनी आंखों पर पट्टी बांधे हुई हैं। दरअसल सीआरजेड के निषिद्ध क्षेत्र में बड़े पैमाने पर अनाधिकृत निर्माण को देखते हुए न्यायालय ने इन दोनों को संयुक्त रूप से इस इलाके का निरीक्षण कर गैरकानूनी निर्माण करने वालों की पहचान कर उनके मालिकों को नोटिस जारी करने को कहा था।
इसके बाद निगम ने कमल हसन समेत 143 लोगों के नाम से नोटिस जारी कर दिया। शनिवार को इस पीठ ने कहा कि इन दोनों प्राधिकरणों पर सीआरजेड-3 एवं मौजूदा सीआरजेड-2 क्षेत्र के अनाधिकृत निर्माण को रोकने के लिए कठोर एवं उचित कार्रवाई करने की जिम्मेदारी दी गई थी। इस संबंध में पीठ ने कहा कि इस मामले में उच्च न्यायालय ने पाया कि यहां निर्मित कई सुपर स्ट्रक्चर सीआरजेड इलाके के अंतर्गत आते हैं। इसे पूरी तरह से ध्वस्त करना चाहिए। इसके बाद अगली सुनवाई के लिए इस मामले 27 जुलाई तक टाल दिया गया।