निर्वाना फाउण्डेशन सुधार गृह में उस वक्त भावुक स्थिति निर्मित हो गई जब मिर्गी जैसी समस्या से जूझने वाली दुर्गा अपने ही अंदाज में फाउण्डेशन के अपने साथियों और बच्चों को परिवार से मिलाने लगी। इस मौके पर दुर्गा के भाई ऑटो चालक अजय कुमार उनकी बुआ और फूफाजी उसे लेने आए थे। संजय सिंह ने बताया कि 8 साल की आयु तक दुर्गा एक सामान्य बच्ची थी लेकिन फिर एक सड़क हादसे के कारण उसकी दिमागी हालत बिगड़ गई। 2019 में उसे पन्ना के वन स्टाप सेंटर से निर्वाना फाउण्डेशन भेजा गया था। मिर्गी के दौरे आने और घर से गायब हो जाने के कारण दुर्गा का परिवार गरीबी के चलते उसे अपने साथ नहीं रख पा रहा था। दुर्गा की मां का देहांत भी हो चुका था इसलिए उसे दो वर्षों तक निर्वाना फाउण्डेशन में दूसरे बच्चों के साथ रखा गया। हर महीने उसे मानसिक बीमारी से जुड़ी दवाएं एवं उपचार दिलाया गया। अब दुर्गा को मिर्गी के झटके काफी कम आते हैं। पिछले दिनों जब दुर्गा का भाई सक्षम हुआ तो उसने बहन को अपने साथ रखने का मन बनाया और शुक्रवार को आखिरकार परिवार के लोग उसे अपने घर ले गए। सुधार गृह से जाते समय दुर्गा काफी भावुक नजर आई।