प्रदेश के साथ साथ छतरपुर में ८ अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। इस दिन सभी सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों, छात्रावास, आंनवाडी में पढऩे वाले 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए शिक्षकों, व स्वास्थ्य कार्यकताओं को प्रशिक्षित किया गया है। जिनकी निगरानी में स्कूलों में दोपहर के भोजन के बाद बच्चों को कृमि नाशक दवा खिलाई जाएगी। इस दवा के सेवन से वंचित रहने वाले बच्चों १२ अगस्त को मापअप दिवस के रूप में मनाते हुए सभी छूटे हुए बच्चों को चिंहित कर उन्हें विद्यालयों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाकर दवा खिलाई जाएगी।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दिन बच्चों को दवा खिलाते समय कुछ सावधानी भी बरतनी होगी। जैसे कि अगर किसी बच्चों की कोई गंभीर बीमारी का इलाज चल रहा है और वह नियमित रूप से दवा का खा रहा है, कोई भी बच्चा बीमार है तो उसे यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। दवा नुकसान नहीं करेगी, लेकिन सावधानी के तहत ऐसे बच्चों को दवा नहीं दी जाएगी। १ से २ वर्ष तक के बच्चों को आधी गोली का चूरा बनाकर खिलाया जाना है। २ से ३ वर्ष तक के बच्चों को पूरी गोली चूरा कर खिलाया जाना है और ३ से १९ वर्ष के बच्चों को एक गोली चबाकर खिलाई जाएगी।
दवा खिलाते समय यह ध्यान रखें बच्चे दवा का चबाकर खाएं, जिन बच्चों के पेट में कीडों की अधिकता होगी, उनके द्वारा दवा का सेवन करने पर यह मामूली लक्षण सामने आएगें, जिससे घबराने की जरूरत नहीं है। जैसे दवा खाने के बाद जी मचलना, पेट में हल्का दर्द, उल्टी, दस्त और थकान महसूस होना। लेकिन इससे घबराने की जरूरत नहीं है। पेट में कीड़ा होने के कारण यह प्रतिकूल प्रभाव दिखाई देगा। इस दौरान बच्चों को आराम की सलाह दें और उसे लेट जाने को कहें। 10 मिनट में समस्या स्वयं ही दूर हो जागी। अगर फिर भी आराम नहीं मिल रहा है तो नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जा सकते हैं।
– कृमि संक्रमण पनपने से बच्चे कुपोषित हो जाते है।
– बच्चों के शरीर में खून की कमी हो जाती है।
– बच्चे हमेशा थकान महसूस करते हैं
– बच्चों का शारीरिक, मानसिक विकास भी बाधित हो जाता है।
– बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की भी कमी हो जाती है।
– नाखून साफ और छोटे रखें
– हमेश साफ और स्वच्छ पानी ही पीऐं
– खाने को ढक कर रखें
– साफ पानी में अच्छे से फल व सब्जियां धोएं
– अपने हाथ साबुन से धोए विशेषकर खाने से पहले और शौच जाने कके बाद
– घरों के आसपास साफ. सफाई रखें
– खुले में शौच न करें हमेशा शौचालय का प्रयोग करें
१- हुक कृमि २- व्हिप कृमि ३- राउंड कृमि फाइल फैक्ट
कुल बच्चे की संख्या- ८३२७३५
निजी स्कूल में बच्चों की संख्या- १५८७८२
आंगनवाडी में (1-5 वर्ष)- २१२४४६
स्कूल न जाने वाले बच्चे- १४७३७२
सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में- ३१४१२७