भारतीय पुरातत्व विभाग सर्किल जबलपुर के अधीक्षक डॉ. सुजीत नयन की टीम ने सर्वे में पाया कि बकस्वाहा के जंगल में 3 बड़ी रॉक पेटिंग और मूर्तियां हैं। सर्वे में पुरातात्विक महत्व के स्थान मिले जो इस क्षेत्र में लंबे समय से मानव रहवास के सास्कृतिक क्रम को दर्शाते हैं। सर्वे के अनुसार धिमरखुआ में 3 स्थानों पर प्री हिस्टोरिक रिमेंस (मानव इतिहास पूर्व) की चीजें मिली हैं। पहली रॉक पेटिंग अस्पष्ट है, जो लाल रंग से बनाई गई है। दूसरी जगह कुछ रॉक पेटिंग पाषाण युग के मध्य कालीन है। यह लाल रंग व चारकोल से बनी हैं। तीसरी रॉक पेटिंग मानव इतिहास समय की है। यह लाल रंग से बनी है, इसमें युद्ध के चिक्र उकेरे गए हैं।
एएसआई के सर्वे में रॉक पेटिंग के अलावा कुशमार गांद में पाषाण मूर्ति मिली है। इसी गांव के खेरमाता में बहुत संख्या में मूर्तियां मिली है, जो चंदेल व कलचुरी काल की हैं। यहां पर गणेश और हनुमान मूर्ति मिली है। इसी के बाजू में सती पाषाण और खम्बा मिला ैहै। सर्वे करने वाली टीम में अधीक्षक भारतीय पुरातत्व जबलपुर सर्किल डॉ. सुजीत नयन, सहायक अधीक्षक कमलकांत वर्मा, ड्राफ्टमैन सुरेन्द्र सिंह विष्ट और शिवम दुबे शामिल रहे।