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छतरपुर

पुरातत्व विभाग ने किया सर्वे, बकस्वाहा के जंगल की रॉक पेंटिंग को बताया पाषाण कालीन

एनजीटी में दायर याचिका में भारतीय पुरातत्व विभाग की रिपोर्ट की मांग पर हुआ सर्वेभारतीय पुरातत्व विभाग की जबलपुर विंग ने किया सर्वे, मानव इतिहास पूर्व की चीजें भी मिली

छतरपुरJul 24, 2021 / 06:56 pm

Dharmendra Singh

3 जगह मिली प्री हिस्टोरिक रॉक पेंटिंग

3 जगह मिली प्री हिस्टोरिक रॉक पेंटिंग

छतरपुर। बक्स्वाहा के जंगल में रॉक पेंटिंग की भारतीय पुरातत्व विभाग (एएसआई) से सर्वे की रिपोर्ट आ गई है। बकस्वाहा में हीरा खदान के लिए पेड़ काटने पर रोक लगाने की एनजीटी में दायर याचिका के सिलसिले में भारतीय पुरातत्व विभाग जबलपुर सर्किल ने 10 से 12 जुलाई को किए गए सर्वे की रिपोर्ट में रॉक पेटिंग को पाषाणकालीन बताया है। वहीं मानव इतिहास के पूर्व की चीजें मिलने की रिपोर्ट भी दी है। हीरा खदान की अनुमति के बाद चर्चा में आए बक्सवाहा में 382 हेक्टेयर जंगल का अस्तित्व अब पुरातात्विक संपदा से जुड़ गया है। ऐसे में बकस्वाहा के जंगल को बचाने के पैराकारों की लड़ाई में मजबूती आ गई है।
3 जगह मिली प्री हिस्टोरिक रॉक पेंटिंग
भारतीय पुरातत्व विभाग सर्किल जबलपुर के अधीक्षक डॉ. सुजीत नयन की टीम ने सर्वे में पाया कि बकस्वाहा के जंगल में 3 बड़ी रॉक पेटिंग और मूर्तियां हैं। सर्वे में पुरातात्विक महत्व के स्थान मिले जो इस क्षेत्र में लंबे समय से मानव रहवास के सास्कृतिक क्रम को दर्शाते हैं। सर्वे के अनुसार धिमरखुआ में 3 स्थानों पर प्री हिस्टोरिक रिमेंस (मानव इतिहास पूर्व) की चीजें मिली हैं। पहली रॉक पेटिंग अस्पष्ट है, जो लाल रंग से बनाई गई है। दूसरी जगह कुछ रॉक पेटिंग पाषाण युग के मध्य कालीन है। यह लाल रंग व चारकोल से बनी हैं। तीसरी रॉक पेटिंग मानव इतिहास समय की है। यह लाल रंग से बनी है, इसमें युद्ध के चिक्र उकेरे गए हैं।
चंदेल व कल्चुरी काल की पाषाण मूर्तियां भी मिली
एएसआई के सर्वे में रॉक पेटिंग के अलावा कुशमार गांद में पाषाण मूर्ति मिली है। इसी गांव के खेरमाता में बहुत संख्या में मूर्तियां मिली है, जो चंदेल व कलचुरी काल की हैं। यहां पर गणेश और हनुमान मूर्ति मिली है। इसी के बाजू में सती पाषाण और खम्बा मिला ैहै। सर्वे करने वाली टीम में अधीक्षक भारतीय पुरातत्व जबलपुर सर्किल डॉ. सुजीत नयन, सहायक अधीक्षक कमलकांत वर्मा, ड्राफ्टमैन सुरेन्द्र सिंह विष्ट और शिवम दुबे शामिल रहे।
जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच, जबलपुर के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे ने बताया कि ऑर्कियोलॉजी विभाग ने बकस्वाहा जंगल में सर्वे कर पाया है कि यहां पर तीन बड़ी रॉक पेंटिंग व अति प्राचीन मूर्तियां हैं, जो कि पुरातात्विक महत्व की हैं। इनसे साफ हुआ है कि इस क्षेत्र का जुड़ाव मानव रहवास से आदिकालीन रहा है। रॉक पेटिंग मध्कालीन पाषाण या ि25 हजार साल से भी पहले के हैं। ऑर्कियोलॉजी विभाग, जबलपुर सर्कल ने इस आशय की रिपोर्ट जनहित याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एडवोकेट प्रभात यादव को भेज दी है।

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