ऐसे मिलेगा लाभ
कृषि विभाग द्वारा जारी आदेश में बताया कि किसानों द्वारा रबी 2019-20 में उत्पादित चना में तेवड़ा मिक्चर होने के कारण पीएसएस योजना में उपार्जन केंद्र पर प्रावधान न होने से चना नहीं खरीदा जा रहा है। ऐसी स्थिति में किसान उपार्जन केंद्र पर प्रदेश के सात जिले पन्ना, नरसिंहपुर, सागर, दमोह, छतरपुर, रायसेन व विदिशा की अधिसूचित मंडी समिति के प्रांगण में बेचने पर किसानों को 5 सौ रुपए प्रति क्विंटल का लाभ दिया जाएगा। जिस किसान के चने में तेवड़ा है वह खरीदी केंद्र मंडी प्रांगण में है तो स्वत: किसान माल लेकर जा सकता है, जिससे उपार्जन में मान्यता नहीं होने पर मंडी में बेच सके। वह किसान ऐप, एमपी ऑनलाइन या उपार्जन केंद्र पर जाकर तेवड़ा होने की जानकारी दर्ज करा सकता है।
पांच दिन में मिलेगी राशि, पंजीयन भी नहीं कराना
रिजेक्ट होने के बाद इ उपार्जन सॉफ्टवेयर से नाम खरीदी से अलग कर उसे मंडी में लॉगिन से ट्रांसफर कर दिया जाए। जो सभी मंडी में दिखेगा। किसान मंडी में जब विक्रय करेगा तब उसी दिन मंडी द्वारा अपने लॉगिन में विवरण अंकित कर दिया जाएगा। विवरण दर्ज होते ही भावांतर भुगतान की कार्रवाई कर दी जाएगी। इ अनुश्रा में जानकारी संबंधित व्यापारी के नाम दर्ज हो जाएगा। इ कृषि विभाग द्वारा उपार्जन की तरह भावांतर की राशि का भगुतान किसान द्वारा उपार्जन पंजीयन में उल्लेखित बैंक खाते में अंतरित कर दी जाएगी। जिसकी समय सीमा पांच दिन होगी।
ंसंचालक कृषि मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि पांच सौ रुपए प्रति क्विंटल तेवड़ा चना फ्लेट भावांतर
उपरोक्त सात जिलों के किसानों को इ उपार्जन में प्रदान की जाए कि वह किसान अपना तेवड़ा मिक्चर के लिए घोषणा कर सके, जिससे कि वे मंडी प्रांगण में चना बेच सके। उक्त सात जिलों के किसानों की वेब सर्विस निर्माण कर ई अनुश्रा पोर्टल मेंं समाहित किया जा सके। उक्त सुविधा के लिए इ उपार्जन पोर्टल और इ अनुज्ञा पोर्टल में संबंधित संशोधन किया गया है।