खजुराहो के पाहिल वाटिका परिसर के मुक्ताकाशी मंच पर खजुराहो फिल्म महोत्सव का यह सातवां आयोजन है, जिसमें प्रसिद्ध खलनायक तथा फिल्म अभिनेता दिलीप ताहिल,सुस्मिता मुखर्जी,सहित अन्य फिल्मी कलाकार मौजूद रहे। कार्यक्रम में बुलगारिया के उपराजदूत इलियो डिको,कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह, संत आनंद गिरी,गजेंद्रनाथ महाराज, एसडीएम राजनगर डीपी द्विवेदी,एसडीओपी खजुराहो मनमोहन बघेल तथा सीएमओ बसंत चतुर्वेदी का सम्मान किया गया।
ओटीटी के कारण बॉलीबुड में घरानों की तानाशाही हो रही खत्म: गोविंदा
रविवार से खजुराहो में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टीवल के पूर्व पत्रकारों से चर्चा करते हुए गोविंदा ने कई मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि वर्तमान में ओटीटी प्लेटफार्म आ जाने के कारण बॉलीबुड में चलने वाली घरानों की तानाशाही काफी हद तक खत्म हुई है। उन्होंने कहा कि उनके साथ भी कई बार ऐसा हुआ है कि बड़ी मेहनत से फिल्म को बनाने के बाद भी इसे थिएटर तक पहुंचाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अब ओटीटी प्लेटफार्म पर बहुत सारे कलाकार अपने मन का काम कर रहे हैं। इससे कला जगत को नए प्रतिभाशाली कलाकार भी मिले हैं।
रविवार से खजुराहो में अंतर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टीवल के पूर्व पत्रकारों से चर्चा करते हुए गोविंदा ने कई मुद्दों पर अपने विचार रखे। उन्होंने एक प्रश्न के जवाब में कहा कि वर्तमान में ओटीटी प्लेटफार्म आ जाने के कारण बॉलीबुड में चलने वाली घरानों की तानाशाही काफी हद तक खत्म हुई है। उन्होंने कहा कि उनके साथ भी कई बार ऐसा हुआ है कि बड़ी मेहनत से फिल्म को बनाने के बाद भी इसे थिएटर तक पहुंचाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। अब ओटीटी प्लेटफार्म पर बहुत सारे कलाकार अपने मन का काम कर रहे हैं। इससे कला जगत को नए प्रतिभाशाली कलाकार भी मिले हैं।
उन्होंने खजुराहो में आयोजित होने वाले इस फेस्टीवल की सराहना की और आयोजक राजा बुन्देला के साथ अपने पुराने संबंधों को भी याद किया। गोविंदा ने कहा कि आज सिनेमा पहले के मुकाबले ज्यादा विस्तृत हो गया है। अब सिनेमा बनाने वाले और देखने वाले दोनों ही ज्यादा समझदार और प्रतिभावान हैं। प्रेस कांफ्रेंस के बाद गोविंदा को फिल्म फेस्टीवल के मंच से लाइफ टाइम अचीवमेंट का सम्मान भी दिया गया।
खजुराहो फिल्म फेस्टिवल की वर्कशॉप में मशहूर खलनायक ने दिए सफल बनने के टिप्स
सुपरहिट फिल्म बाजीगर में मदन चौपड़ा, इश्क में हरवंशलाल की भूमिका का लोहा मनवाने वाले और मिशन मंगल 2019 में साइंटिस्ट का किरदार निभाने वाले हिंदी फिल्मों के मशहूर खलनायक तथा फिल्म अभिनेता दिलीप ताहिल ने खजुराहो फिल्म फेस्टिवल के अंतर्गत आयोजित वर्कशॉप में शामिल हुए। उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि मैं कभी एक्टर बनने मुम्बई नही गया,बल्कि मैंने अपने स्कूल से ही एक्टिंग और थिएटर में जाना शुरू किया। साथ ही 4 से 5 थिएटर ग्रुप के साथ जुड़ गया और मुझे यह विश्वास था कि मुझे यह करना ही है। यही मेरा जुनून था,अगर किसी को फिल्म लाइन में जाना है तो आपको ट्रेनिंग लेने की जगह थियेटर ज्वाइन करना चाहिए, जहां पर आपको अपने अंदर की कला को 100 प्रतिशत दिखाना चाहिए। मंच अपने आप मिल जाएगा।
सुपरहिट फिल्म बाजीगर में मदन चौपड़ा, इश्क में हरवंशलाल की भूमिका का लोहा मनवाने वाले और मिशन मंगल 2019 में साइंटिस्ट का किरदार निभाने वाले हिंदी फिल्मों के मशहूर खलनायक तथा फिल्म अभिनेता दिलीप ताहिल ने खजुराहो फिल्म फेस्टिवल के अंतर्गत आयोजित वर्कशॉप में शामिल हुए। उन्होंने स्टूडेंट्स को बताया कि मैं कभी एक्टर बनने मुम्बई नही गया,बल्कि मैंने अपने स्कूल से ही एक्टिंग और थिएटर में जाना शुरू किया। साथ ही 4 से 5 थिएटर ग्रुप के साथ जुड़ गया और मुझे यह विश्वास था कि मुझे यह करना ही है। यही मेरा जुनून था,अगर किसी को फिल्म लाइन में जाना है तो आपको ट्रेनिंग लेने की जगह थियेटर ज्वाइन करना चाहिए, जहां पर आपको अपने अंदर की कला को 100 प्रतिशत दिखाना चाहिए। मंच अपने आप मिल जाएगा।
उन्होंने स्टूडेंट्स को एक सफल अभिनेता बनने की कुछ महत्वपूर्ण बातें भी बताई। उन्होंने कहा कि एक्टर बनने की सबसे महत्वपूर्ण सीढ़ी होती है धीरज,क्योंकि सेट पर हमें रुकना ज्यादा होता है और काम कम। आपको दी गई लिपि (स्क्रिप्ट) को हमेशा तैयार और याद करके रखना चाहिए, ताकि सेट या थिएटर पर आपको टेंशन या घबराहट न हो। ज्यादा बोलो मत और अपने डायरेक्टर की सुनो। हमेसा टाइम पर पहुंचे, एक अच्छा कलाकार टाइम की अहमियत जानता है और अनुशासन यही से आता है। असफलता से मत डरो एक्टिंग कैरियर ही ऐसा हैं, जहां सफलता से ज्यादा असफलता मिलती है। पर एक सफल कलाकार कभी असफलता से नही डरता।
गोविंदा फंसे फैंस के बीच
खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में अपनी प्रस्तुति देने के बाद जब गोविंदा अपनी गाड़ी से बाहर निकलकर होटल जाने लगे तो पाहिल वाटिका के सामने भारी भीड़ और उनके फैंस के बीच उनकी गाड़ी फंस गई। सड़क पर जाम लग गया बहुत देर तक गोविंदा गाड़ी में ही बैठे रहे। फैंस उनकी गाड़ी को घेरे रहे। जाम खुलते न देख गोविंदा को खुद गाड़ी से उतारना पड़ा।
खजुराहो फिल्म फेस्टिवल में अपनी प्रस्तुति देने के बाद जब गोविंदा अपनी गाड़ी से बाहर निकलकर होटल जाने लगे तो पाहिल वाटिका के सामने भारी भीड़ और उनके फैंस के बीच उनकी गाड़ी फंस गई। सड़क पर जाम लग गया बहुत देर तक गोविंदा गाड़ी में ही बैठे रहे। फैंस उनकी गाड़ी को घेरे रहे। जाम खुलते न देख गोविंदा को खुद गाड़ी से उतारना पड़ा।