तीन साल में लोगों के घरों तक पानी नहीं पहुंचा सकी कंपनी
मुख्यमंत्री नल-जल योजना पर उठे सवाल
8 दिन में नसीब हो रहा पानी
बकस्वाहा। मुख्यमंत्री नल-जल योजना के माध्यम से लोगों के घरों तक पानी पहुंचाने के लिए १३ करोड़ रुपए स्वीकृत हुए थे लेकिन नगर के १५ वार्डों में जल संकट ज्यों का त्यों बना हुआ है। ठेका कंपनी ने यदि कुछ काम किया है तो पहले से ही बनी बनाई सड़कों की सूरत बिगाड़ी है। हर तरफ लाइन बिछाने के लिए खुदाई कर दी गई और अब उबड़-खाबड़ रोड से जूझकर लोग परेशान हैं।
तीन साल पहले मुख्यमंत्री नल जल योजना के लिए १३ करोड़ स्वीकृत हुए। नल-जल योजना तो अधूरी है मगर १५ करोड़ की सड़क ठिकाने लग चुकी है। ठेकेदार ने सड़क जल्दी बनाने की बात कही थी लेकिन ऐसा नहीं हो सका इसलिए लोगों में आक्रोश है। कई वार्डों में तो बिना कनेक्शन दिए पाइप लाइन को ढक कर पूरा कर दिया गया। वरुणी कंस्ट्रक्शन कंपनी के इंजीनियर पुष्पेन्द्र पटेल का कहना है कि मुख्यमंत्री नल-जल योजना का काम अप्रेल तक पूरा हो जाएग, पगरा बांध से पानी के स्रोत पर सर्वे हो रहा है। प्रोजेक्ट का ६० फीसदी काम भी हो चुका है।
गहरा रहा जलसंकट, 8 दिन में नसीब हो रहा पानी
तमाम योजना, आश्वासन और वायदों के बाद आज भी नगर पेयजल संकट से जूझ रहा है और निदान जैसी कोई युक्ति उपाय दृष्टिगत नही हैं। वैसे तो पेयजल की आपूर्ती के लिये नगर परिषद् की नल-जल योजना है जिससे लगभग १० दिन में एक बार नगरवासियों को पानी दिया जाता है परन्तु जिन स्रोतों से पानी सप्लाई की जा रही थी उनका भी जल स्तर खत्म होने की कगार पर है। जबकि कुछ वार्डो में नगर परिषद की पेयजल व्यवस्था पहले से ही ठप पड़ी हुई है। अगर योजनाओं की बात करें तो २००५ के अंत तक तैयार होने वाली १ करोड़ ९ लाख की जल आवर्धन योजना आज भी अधर में लटकी हुई है। पेयजल सप्लाई के नाम पर ५० लाख की पाइप लाइन बिछाई गई जो टेस्टिंग में ही पूरी तरह टूट गई।
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