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छतरपुर

जिलेभर के स्वास्थ्य केन्दों में डॉक्टरों की कमी, ग्रामीण इलाके में महिला डॉक्टर ही नहीं

ग्रामीण अंचल में मरीजों को नहीं मिल पाता समुचित इलाजगंभीर केस हो रहे रेफर, जिला अस्पताल से भी राहत नहीं

छतरपुरJan 17, 2019 / 07:33 pm

Dharmendra Singh

no female doctor in rural area

no female doctor in rural area

छतरपुर। स्वास्थ, शिक्षा और निर्माण पर सरकार के पूरे बजट का सबसे बड़ा हिस्सा खर्च किया जाता है। लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं बेहतर और आसानी से मिले इसके लिए मुख्यमंत्री ने भी हिदायत दी है। लेकिन कुछ खास नतीजा नहीं निकल रहा है। ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य केन्द्रों व अस्पतालों के हाल बदहाल है। द्यादातर अस्पतालों में डाक्टर ही नहीं हैं। ऐसे में छोटी-मोटी बीमारियों का इलाज वहां के कंपाउंडर और नर्स कर देते हैं, लेकिन बीमारी जरा भी बड़ी या गंभीर हुई तो मरीजों को रेफर कर दिया जाता है। यही वजह है, कि जिला अस्पताल में रोजाना की ओपीड़ी पूरे साल 1200 से 1500 मरीज प्रतिदिन रहती है। क्योंकि स्थानीय मरीज से ज्यादा संख्या जिले के ग्रामीण इलाके के मरीजों की रहती है। ग्रामीण इलाके में स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आधारभूत संरचना तो तैयार कर ली गई है, करोड़ो रुपए खर्च करके दवाइयां और स्टाफ की व्यवस्था भी की गई है, लेकिन बेहतर स्वास्थ्य सेवा के लिए जरुरी डॉक्टर ही वहां नहीं हैं। यहां मरीजों का इलाज कंपाउंडर और नर्सों के भरोसे किसी तरह हो रहा है। बिगड़ी व्यवस्थाओं को सुधारने का वादा तो सभी करते हैं लेकिन सुधार कब तक होगा या होगा भी कि नहीं, इसे लेकर असमंजस बना हुआ है।
कई वर्षो से है डाक्टरों की कमी :
छतरपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में इलाज की सुविधाएं नाम मात्र के लिए हैं। जिसमें सुदूर अंचल में तो हालात और भी खराब हैं। अधिकतर स्वास्थ्य केन्द्रों व अस्पतालों में लंबे समय से डॉक्टर ही नही हैं। कई अस्पतालो में केवल एक डॉक्टर के भरोसे इलाज से लेकर सारे कामकाज चल रहे हैं। जब डॉक्टर ही नहीं तो इलाज कैसे होता होगा, इसकी कल्पना की जा सकती है। कहीं कंपाउंडर के भरोसे इलाज की व्यवस्था चल रही है, तो कही नर्से मरीज को दवाइयां दे रही हैं। यही वजह है, कि जिले के ग्रामीण इलाके में (रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिशनर)आरएमपी और नीम हकीमों की दुकानें जमकर चल रही हैं। सदी, जुकाम और बुखार तक तो बात ठीक है, लेकिन इससे ज्यादा समस्या हो तो मरीज को जिला अस्पताल में ही इलाज मिल पाता है। रही बात जिला अस्पताल की तो, यहां भी डॉक्टरों की कमी है और जो हैं भी तो वे उपलब्ध नहीं रहते हैं। जबकि जिला अस्पताल में मरीजों की संख्या रोजाना 1500 तक पहुंच जाती है। मरीज गंभीर हो तो जिला अस्पताल से भी झांसी और ग्वालियर रेफर कर दिया जाता है।
ये हालात है स्वास्थ्य केन्द्रों के :
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हरपालपुर में डॉक्टरो के 4 पद हैं। इनमें से केवल दो डॉ. श्याम वरन प्रजापति और डॉ. विष्णु प्रकांश मिश्रा यहां पदस्थ है, लेकिन वो भी पिछले चार माह से छुट्टी पर हैं। काफी पहले डॉ. ज्योति पटेरिया ने भी अपना तबादला करवा लिया था। इस तरह से चार माह से बिना डॉक्टर के यहां अस्पताल चल रहा है। रोजाना की ओपीडी ४० से ५० मरीजों की है, कस्बे से लगे 11 गांव के लोग इलाज के लिए यहां आते हैं। लेकिन डॉक्टर नहीं होने से मरीज परेशानी होते हैं। कपांउडर और नर्स से जितना इलाज मिल जाए, नहीं तो सिविल अस्पताल और जिला अस्पताल ही जाना पड़ता है। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र महाराजपुर में भी डॉक्टरों के चार पद हैं, लेकिन एक भी डाक्टर स्थाई रूप से पदस्थ नहीं है। ऐसे में छतरपुर से डॉ. उमराव को महाराजपुर में डेपुटेशन पर भेजा गया, जिनके सहारे मरीजो को राहत मिलती है। महिला डॉक्टर की पोस्टिंग तो यहां कभी हुई ही नहीं, महिला मरीजों को जिला अस्पताल के चक्कर काटने पड़ते हैं। इस अस्पताल पर आसपास के करीब ४० गांवो के लोग निर्भर है। जिला मुख्यालय के सुदूर क्षेत्र वकस्वाहा में भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खुला हुआ है, लेकिन यहां भी केवल एक डॉक्टर है, जिनके भरोसे आसपास के 50 से ज्यादा गांव के मरीज रहते हैं। वहीं बड़ामलहरा विकासखंड में दो सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र हैं, पहला बड़ामलहरा और दूसरा घुवारा में हैं। बड़ामलहरा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में डॉक्टरों के 6 पद स्वीकृत हैं, लेकिन वर्तमान में एक स्थाई और 3 अस्थाई डॉक्टर ही सेवाएं दे रहें है, दो पद खाली हैं, वहीं महिला डॉक्टर कई वर्षो से नहीं है।
फैक्ट फाइल
जिले में पदस्थ डाक्ॅटर :
प्रथम श्रेणी डॉक्टर :
स्वीकृत पद भरे पद रिक्त पद
79 37 42
द्तिीय श्रेणी डॉक्टर
स्वीकृत पद भरे पद रिक्त पद
118 74 44
संविदा डॉक्टर
स्वीकृत पद भरे पद रिक्त पद
23 20 3
अस्पताल व स्वास्थ्य केन्द्र :
जनपद पंचायत सामुदायिक प्राथमिक उपस्वाथ्य
छतरपुर ०१ ०३ २६
नौगांव ०१ ०७ २६
बड़ामलहरा ०२ ०४ २४
बकस्वाहा ०१ ०१ १४
बिजावर ०२ ०५ २०
लवकुशनगर ०१ ०३ २२
गौरिहार ०१ ०४ २७
राजनगर ०१ ०९ ३३

शासन को पत्र लिखकर सूचित किया है :
जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। डाक्टरों व स्टाफ की कमी की पूर्ति के लिए शासन को सूचित किया गया है। समस्याओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा, ताकि सुविधाएं बेहतर से बेहतर हों।
– डॉ. व्हीएस वाजपेयी, सीएचएचओ

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