लिहाजा माना जा रहा था कि बुधवार को कोर्ट इस मामले में फैसला दे देगी, लेकिन ऐनवक्त पर फैसला की तारीख बढ़ा दी गई है। इस बहुचर्चित मामले में फैसले को लेकर लोगों की निगाहें लगी हैं। इस मामले में कांग्रेस जिलाध्यक्ष मनोज त्रिवेदी सहित 1४ कांग्रेसियों को आरोपी बनाया गया था। इनमें से दो लोगों की मौत सुनवाई के दौरान हो चुकी है। 12 लोगों के खिलाफ कोर्ट में केस चला रहा है।
यह था पूरा मामला :
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के काफिले पर २० साल पहले 8 फरवरी 1998 को लोकसभा चुनाव के दौरान हमला हुआ था। जिले के बमीठा पुलिस थाना इलाके के चंद्रनगर कस्बे में हुई इस घटना में उमा भारती और उसके सुरक्षा कर्मी हरिओम लटोरिया ने फायरिंग, पथराव और जानलेवा हमले का आरोप लगाया था।
केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती के काफिले पर २० साल पहले 8 फरवरी 1998 को लोकसभा चुनाव के दौरान हमला हुआ था। जिले के बमीठा पुलिस थाना इलाके के चंद्रनगर कस्बे में हुई इस घटना में उमा भारती और उसके सुरक्षा कर्मी हरिओम लटोरिया ने फायरिंग, पथराव और जानलेवा हमले का आरोप लगाया था।
इस पर बमीठा पुलिस ने मनोज त्रिवेदी, अर्जुन सिंह बमीठा, गोविंद सिंह, भगवानदास नामदेव, सलीम खान, हफीज, रघुवीर प्रसाद, शहादत खान, संजुराज, लखनलाल, शंकर नामदेव, फैयाज खां, अशोक कुमार और इदरीश के खिलाफ नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिस पर पुलिस ने हत्या के प्रयास सहित धारा १४८, १४९,३४१, ३३२ और ३०७ के तहत केस दर्ज किया था। इस मामले की सुनवाई के दौरान अशोक कुमार और इदरीश का निधन हो चुका है। दो साल पहले २०१५ में केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने भी कोर्ट में पेश होकर छतपुर में अपनी गवाही दी थी।
इस मामले में २४ गवाहों ने अभियोजन के पक्ष में समर्थन पेश किया है। इस मामले में अब फैसले के लिए कोर्ट ने १४ मार्च की तारीख मुकर्रर की है। गौरतलब है कि दूसरे पक्ष से भी इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी, लेकिन भाजपा की सरकार आने और उमा भारती के मुख्यमंत्री बनने के बाद सरकार ने उमा भारती और उनके गनर के खिलाफ दर्ज केस में खात्मा लगा दिया था।