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छतरपुर

ऑनलाइन हाजिरी दर्ज नहीं की तो अक्टूबर का काटा जाएगा कर्मचारियों का वेतन

मैदानी कर्मचारियों को अब मुख्यालय पर रहकर करना होगा काम

छतरपुरOct 16, 2019 / 01:55 am

हामिद खान

ऑनलाइन हाजिरी दर्ज नहीं की तो अक्टूबर का काटा जाएगा कर्मचारियों का वेतन

ऑनलाइन हाजिरी दर्ज नहीं की तो अक्टूबर का काटा जाएगा कर्मचारियों का वेतन


छतरपुर. पटवारी, सचिव, रोजगार सहायक से लेकर आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता सहित मैदानी अमले को अब अपने कर्तव्य मुख्यालय पर रहकर ही काम करना होगा। इसके लिए अब सार्थक एप पर हाजिरी दर्ज कराना होगी। जिले में इस महीने से यह व्यवस्था जिला प्रशासन ने लागू कर दी है। कलेक्टर ने जनसुनवाई के दौरान आने वाले जनता की दिक्कतों को देखने के बाद यह निर्णय लिया है। शासन के निर्देशानुसार तत्काल प्रभाव से यह व्यवस्था लागू करते हुए कलेक्टर ने सभी कर्मचारियों को सार्थक एप पर हाजिरी अनिवार्य रूप से दर्ज कराने को कहा गया है।
कलेक्टर मोहित बुंदस ने बताया कि आमजन की दिक्कतों के निवारण के उद्देश्य से मैदानी कर्मचारियों के अक्टूबर माह का वेतन सार्थक एप में हाजरी के बाद ही जारी किया जाएगा। उन्होंने बताया कि संबंधित कर्मचारी निर्धारित समय पर एप के जरिए अपनी उपस्थिति दर्ज कराएं। जरूरी कार्य से मुख्यालय से बाहर रहने की स्थिति में नियत स्थान से शासकीय कत्र्तव्य के निर्वहन संबंधी फोटो अपलोड की जा सकती है।
एप के बारे में आवश्यक जानकारी से संबंधित कर्मचारियों को जरूरी प्रशिक्षण देने के बाद भी इसका पालन नहीं करने की शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। अत: इस संबंध में कलेक्टर द्वारा पुन: संबंधितों को आदेश का पालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। कोषालय अधिकारियों को भी एप के माध्यम से दर्ज उपस्थिति के आधार पर अक्टूबर माह का वेतन आहरित करने के निर्देश दिए गए हैं। जिला प्रशासन की मंशा है कि समाज के अंतिम छोर के हितग्राही और आमजनों को समय पर शासकीय योजनाओं से लाभांवित किया जा सके। उल्लेखनीय है कि मैप आईटी भोपाल द्वारा इस एप का निर्माण किया गया है। प्रथम चरण में जनता से सीधे तौर पर जुड़े कर्मचारियों जैसे पटवारी, ग्रामसेवक, सचिव, रोजगार सहायक, आंगनबाड़ी और आशा कार्यकर्ता का वेतन एप के जरिए आहरित किए जाने का निर्णय लिया गया है।
इसलिए लिया निर्णय
कलेक्टर के अनुसार जनसुनवाई से लेकर आम दिनों में जिलेभर से समस्याएं लेकर आने वाले लोगों की जो शिकायतें होती हैं, उनमें अधिकांश शिकायतें मैदानी अमले से जुड़ी या राजस्व विभाग से संबंधित होती हैं। मैदानी अमला अगर अपने कर्तव्य स्थल पर प्रतिदिन पहुंचेगा तो लोगों की समस्याओं का निराकरण होगा।

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