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छतरपुर

आठ बड़े तालाबों पर अतिक्रमण, प्रशासन की मुहिम में भी तालाबों पर अतिक्रमण की कार्रवाई नहीं

एनटीजी व पूर्व कलेक्टरों के आदेश, अतिक्रमण का चिंहाकन और नोटिस के बाद आगे नहीं बढ़ी कार्रवाईतालाबों के ग्रीन बेल्ट में भी बस गए मकान, हर साल बढ़ रही अतिक्रमण की संख्या, दम तोड़ रहे तालाब

छतरपुरJan 24, 2021 / 06:52 pm

Dharmendra Singh

दम तोड़ रहे तालाब

दम तोड़ रहे तालाब

छतरपुर। शहर के विकास के लिए बनाए गए मास्टर प्लान का पालन नहीं किया जा रहा है। जिला मुख्यालय स्थित आठ तालाबों पर बने ग्रीन बेल्ट पर कॉलोनियां बस गई हैं। ग्रीन बेल्ट पर अतिक्रमण रोकने और हटाने के लिए हाईकोर्ट के आदेश पर कलेक्टर आदेश भी दे चुकें हैं, लेकिन कार्रवाई नहीं होने से तालाबों के ग्रीन बेल्ट धीरे-धीरे खत्म हो रहे हैं। हाईकोर्ट के आदेश के पहले भी एक कलेक्टर ग्रीन बेल्ट में अतिक्रमण हटाने के आदेश दे चुके हैं, लेकिन उस पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रीन बेल्ट इलाके में अतिकमत्र का सर्वे, अतिक्रमण रोकने और अतिक्रमण के केस कोर्ट में पेश करने के लिए जिम्मेदार ग्राम एंव नगर निवेश विभाग ने आजतक एक भी केस अतिक्रमण का न तो बनाया और न ही कोर्ट में पेश किया। इसके साथ ही तहसीलदार की भी जिम्मेदारी है, कि ऐसे अतिक्रमण रोके जाए लेकिन तहसीलदार द्वारा किशोर सागर तालाब की सीमाओं पर हुए अतिक्रमण का चिंहाकन किए जाने के बाद कार्रवाई आगे नहीं बढ़ी। यही वजह है कि, शहर के तालाब, तालाबों के कैचमैंच एरिया और ग्रीनबेल्ट में धड़ल्ले से निर्माण किए जा रहे हैं।
इन तालाबों पर बन गए मकान
हाईकोर्ट जबलपुर में छतरपुर निवासी गोविन्द शुक्ला द्वारा वर्ष 2011 में लगाई गई जनहित याचिका में बताया गया कि, शहर के राव सागर तालाब, ग्वाल मंगरा तालाब, प्रताप सागर, रानी तलैया, किशोर सागर, सांतरी तलैया, विंध्यवासनी तालाब और हनुमान टौरिया के पीछे वाली तलैया के ग्रीन बेल्ट में मकान बना लिए गए हैं। हाईकोर्ट ने इस मामले में वर्ष 2014 में तात्कालीन कलेक्टर छतरपुर मसूद अख्तर को आदेश देते हुए कहा कि, एक वर्ष के अंदर सभी तालाबों के सीमांकन कराकर, अतिक्रमण के प्रकरण दर्ज किए जाएं। कलेक्टर ने हाईकोर्ट के इस आदेश पर सभी तालाबों के सीमांकन कराकर तहसील न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराए। लेकिन कोर्ट के आदेश वावजूद इन प्रकरणों का निराकरण आज तक नहीं हो पाया है। न तालाब के ग्रीन बेल्ट के अतिक्रमण को हटाया गया है। हाईकोर्ट के आदेश के अलावा तात्कालीन कलेक्टर राहुल जैन ने वर्ष 2012 में तालाबों के सीमांकन कराकार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की थी, लेकिन उनके जाने के बाद कार्रवाई ठप हो गई।
अतिक्रमण के इतने मामले
हाईकोर्ट के आदेश पर शहर के तालाबों पर अतिक्रमण के मामलों के चिन्हांकन किए गए. जिसमें 10.50 एकड़ रकबा वाले राव सागर तालाब पर अतिक्रमण के आठ मामले, 9 एकड़ एरिया वाले ग्वाल मंगरा तालाब पर अतिक्रमण के 28 मामले, 35 एकड़ रकबा वाले प्रताप सागर तालाब पर अतिक्रमण के 109 मामले, साढ़े आठ एकड़ के किशोर तालाब पर अतिक्रमण के 14 मामले, 6 एकड़ की सातंरी तलैया पर अतिक्रमण के 7, साढ़े तीन एकड़ रकवा वाले विंध्यवासनी तलैया पर अतिक्रमण के 7 मामले चिन्हित हुए थे।18 साल अक्टूबर 2020 में कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह ने राजस्व विभाग की 20 सदस्यीय टीम बनाकर शहर के तीन प्रमुख तालाबों किशोर सागर, प्रताप सागर व ग्वाल मंगरा तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा के चिंहाकन व कार्रवाई के निर्देश दिए। टीम ने 10 अक्टूबर को किशोर सागर का भौतिक सत्यापन कर 150 अवैध कब्जों को चिंहित किया, लेकिन उसके बाद न तो नोटिस, न कार्रवाई हुई। वहीं, प्रताप सागर व ग्वाल मंगरा तालाब का भौतिक सत्यापन की कार्रवाई भी ठंड़े बस्ते में चली गई।

ये है नियम
भूमि विकास नियम एवं नेशनल ग्रीन ट्ब्यिूनल के नियम के मुताबिक तालाब के पानी, कैटमेंट एरिया और ग्रीन बेल्ट में कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है। तालाब के जलभराव क्षेत्र से 9 मीटर और कैट मेंट एरिया से 10 मीटर तक नो कंस्ट्रक्शन जोन घोषित है। लेकिन छतरपुर में तालाब के पानी, कैचमेंट एरिया और ग्रीन बेल्ट, इन तीनों जगह अतिक्रमण किया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश के मुताबिक तालाबों पर, किनारे किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य अतिक्रण के दायरे में आता है। ग्रीन बेल्ट की परिभाषा के अनुसार सारे तालाब, नदी, झरना और नाले ग्रीन बेल्ट के अंतर्गत परिभाषित हैं।

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