फोर लेन के लिए बिना मुआवजा जमीन अधिग्रहीत किए जाने के सदमे में किसान की मौत
– बिना मुआवजा के प्रशासन द्वारा सड़क का काम शुरू करा दिए जाने के बाद से सदमे में था किसान
छतरपुर/गंज। प्रस्तावित झांसी-खजुराहो फोर लेन सड़क निर्माण के लिए गंज थाना क्षेत्र के देवगांव निवासी किसानों की जमीन बिना मुआवजा दिए अधिग्रहित कर लिए जाने के कारण ५५ वर्षीय किसान कन्हैयालाल शर्मा की शनिवार को सदमे में मौत हो गई। बिना मुआवजा के सड़क का निर्माण किए जाने को लेकर किसानों द्वारा किए जा रहे विरोध के चलते राजनगर एसडीएम ने इस क्षेत्र में धारा 1४४ लगा दी थी। इसके बाद किसान विरोध भी नहीं कर पा रहे थे। मृतक के परिजनों का कहना है कि प्रशासन के दमन के बाद से किसान कन्हैयालाल शर्मा(५५) ने खाना-पीना छोड़ दिया था। वे गहरे सदमे में चले गए थे, इस कारण उनकी मौत हो गई।
देवगांव निवासी किसान कन्हैयालाल शर्मा के पास पौने एकड़ जमीन है। वे अविवाहित थे और भतीजों के साथ ही खेती करते थे। उनकी यह जमीन प्रस्तावित झांसी-खजुराहो फोर लेन की परिधि में आने के कारण उसका अधिग्रहण किया गया है। बदले में उन्हें दूसरों की तुलना में मामूली सा मुआवजा दिया जा रहा था। इस कारण उन्होंने और गांव के बाकी किसानों ने मुआवजा लेने से इनकार कर दिया था। इस बीच प्रशासन ने बिना मुआवजा दिए ही उनकी जमीन पर काम शुरू करा दिया। किसान के भतीजे गोविंद शर्मा ने बताया कि चाचा ने तीन-चार दिन से खाना छोड़ दिया था। वे शांत रहने लगे थे और बिना मुआवजा के जमीन छीन लिए जाने को लेकर इतने दुखी थे कि किसी से बात भी नहीं कर रहे थे। जमीन के सदमे में शनिवार को दोपहर 12 बजे उनकी मौत हो गई। इस घटना की खबर फैलते ही किसान आक्रोशित हो गए। पहले लोगों ने हाइवे पर शव रखकर ***** जाम की कोशिश की, लेकिन कुछ नेताओं ने पहुंचकर किसानों को धारा 1४४ का हवाला दिया तो फिर किसान शव लेकर सीधे अंत्येष्टि करने चले गए।
भाजपा किसान मोर्चा जिला अध्यक्ष गोविंद सिंह टुरया ने कहा कई बार कई किसानों के साथ मिलकर कलेक्टर को आवेदन दिया गया लेकिन किसी ने किसानों को एक भी बात नहीं सुनी और जबरदस्ती 144 धारा लगाकर किसानों की भूमि अधिग्रहण कर ली। इसी का नतीजा है कि आज एक किसान की जान चली गई।
गौरतलब है कि देवगांव और गंज के किसान एनएचएआइ से शासन की गाइड लाइन अनुसार मुआवजा की मांग कर रहे थे। इसको लेकर वे लगातार कई महीनों से आंदोलन भी करते आ रहे थे। कुछ महीने पहले किसानों ने यहां काम रोकने का प्रयास किया तो पुलिस बल के साथ राजनगर एसडीएम ने पहुंचकर किसानों को खदेड़ दिया था। बीच में फिर से ग्रामीणों ने जब काम का विरोध किया तो एसडीएम ने इस पूरे क्षेत्र में धारा 1४४ लगाकर लोगों द्वारा किए जा रहे विरोध प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की। पिछले दिनों कुछ लोगों के खिलाफ प्रशासन ने मामला भी दर्ज कर लिया था।
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