घर-घर में हुई विष्णु-गणेश की पूजा
छतरपुर•Mar 23, 2019 / 02:09 am•
हामिद खान
Fast kept for brother’s longevity, celebrated brother dooj
छतरपुर. होली के अगले दिन शुक्रवार को भाई दूज का त्योहार मनाया गया। भाई दूज के दिन भाई अपनी बहनों के घर जाकर इस उत्सव को मनाते हैं। इसदिन बहनों ने भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा। घर के दरवाजे पर भगवान विष्णु एवं गणेश की विधि-विधान से पूजा की गई। बहनों ने दूज की पूजा में भाई की लंबी आयु के लिए मनौती करते हुए भाई के शत्रु एवं बाधा का नाश होने की प्रार्थना की। इसके बाद भाई को चौकी पर बैठाकर माथे पर तिलक लगाया और आरती उतारकर उनकी पूजा की। इसके बाद भाई को मिठाई खिलाकर पूजा का विधान पूरा किया और इसके बाद ही बहनों ने भोजन ग्रहण किया। शाम को यमराज के नाम से चौमुखा दीया जलाकर घर के बाहर रखा गया और यमराज की पूजा की गई। होली के उत्सव के बाद दूज के दिन बाजार की ज्यादातर दुकानें बंद रही, आवागमन भी रोजाना की तुलना में कम ही हुआ। लोग होली की थकान मिटाने घर पर ही आराम करते रहे। हालांकि भाईदूज के लिए बाजार में छोड़ी बहुत चहल-पहल पूरे दिन बनी रही। भाई दूज की पूजा के चलते पूजन सामग्री और मिठाई की दुकानें सजी रहीं। सुबह से ही महिलाएं मिठाई और पूजन सामग्री खरीदने दुकानों पर आती रहीं। ये सिलसिला पूरे दिन चलता रहा।
हालांकि मिठाई दुकानों को छोड़कर केवल आवश्यक वस्तुओं की ही दुकानें खुलीं रहीं, बाकी बाजार बंद रहा।
इसलिए मनाते हैं भाईदूज
हिंदू शास्त्रों के अनुसार सूर्य की पत्नी संज्ञा से दो संतानें थीं, एक पुत्र यमराज और दूसरी पुत्री यमुना। यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत प्यार करते थे, लेकिन ज्यादा काम होने के कारण अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते थे। एक दिन यम अपनी बहन की नाराजगी को दूर करने के लिए मिलने चले गए। यमुना अपने भाई को देख खुश हो गईं। भाई के लिए खाना बनाया और आदर सत्कार किया। बहन का प्यार देखकर यमराज इतने खुश हुए कि उन्होंने यमुना को खूब सारे उपहार भेंट दिए। यम जब बहन से मिलने के बाद विदा लेने लगे तो बहन यमुना से कोई भी अपनी इच्छा का वरदान मांगने के लिए कहा। यमुना ने उनके इस आग्रह को सुन कहा कि वर दीजिए कि आज के दिन हर साल आप मेरे यहां आएंगे और मेरा आतिथ्य स्वीकार करेंगे। कहा जाता है तभी से हर साल भाई दूज का त्योहार मनाया जाता है।
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