scriptखाद संकट बढ़ा तो भोपाल से जिले का कोटा 13 हजार 200 मीट्रिक टन बढ़ाया | fertilizer crisis increased then quota increased by 13 metric tonnes | Patrika News
छतरपुर

खाद संकट बढ़ा तो भोपाल से जिले का कोटा 13 हजार 200 मीट्रिक टन बढ़ाया

जिले ने मांगी रबी सीजन के लिए 65 हजार मीट्रिक टन खाद, 1 हजार हेक्टेयर बढ़ा है इस बार रकबाछतरपुर जिले के लिए रबी सीजन में 72 हजार 800 मीट्रिक टन कराई जाएगी अपलब्ध

छतरपुरOct 22, 2021 / 07:14 pm

Dharmendra Singh

रबी सीजन में 72 हजार 800 मीट्रिक टन कराई जाएगी अपलब्ध

रबी सीजन में 72 हजार 800 मीट्रिक टन कराई जाएगी अपलब्ध

छतरपुर। जिले में रबी की बोबनी के लिए खाद के संकट के बीच भोपाल से राहत की खबर आई है। कृषि संचालनालय ने छतरपुर के लिए खाद का कोटा 13 हजार 200 मीट्रिक टन बढ़ा दिया है। जिले से रबी सीजन के लिए 65 हजार मीट्रिक टन खाद की मांग की गई थी, लेकिन रबी सीजन में बोबनी का लक्ष्य व रकबा 1 हजार हेक्टेयर बढऩे से खाद की ज्यादा मात्रा की जरुरत को देखते हुए अब जिले को 72 हजार 800 मीट्रिक टन खाद उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, जिले में चार दिन से चल रहे खाद संकट से अभी राहत नहीं मिली है, हालांकि सरकारी गोदामों व निजी दुकानों से खाद कृषि विभाग के अधिकारियों की निगरानी में बंटवाई जा रही है, ताकि उपलब्ध खाद की कालाबाजारी न हो।
अब तक खरीफ सीजन में बची 9814 मीट्रिक टन खाद आई किसानों के काम
जिले में डीएपी, यूरिया समेत अन्य खादों का कुल 15915 मीट्रिक टन स्टॉक रबी सीजन के लिए रखा गया था। जिसमें से 9814 मीट्रिक टन खरीफ सीजन की बची हुई खाद शामिल है। खरीफ की शेष खाद व वर्तमान स्टॉक से ही किसानों को 8060 मीट्रिक टन खाद दिया गया है, लेकिन डीएपी की सबसे ज्यादा आवश्यकता होने पर भी केवल 5405 मीट्रिक टन डीएपी ही जिले के सरकारी व निजी गोदामों में उपलब्ध था, जिसमें से 4256 मीट्रिक टन डीएपी बांटने के बाद अब केवल १९३७ मीट्रिक टन ही बचा है। इसी तरह यूरिया का स्टॉक 9289 मीट्रिक टन था जिसमें से 3524 मीट्रिक टन यूरिया भी बंट गया है। अब जिले में केवल ६९९२ मीट्रिक टन यूरिया ही बचा है।
गेहूं का रकबा घटा, दलहन व तिलहन की बोबनी रकबा बढ़ा
जिले में पिछले साल रबी सीजन में 4 लाख 71 हजार हेक्टयेर में बोबनी की गई थी। जिसमें 3लाख 23 हेक्टेयर में गेहूं, 1 लाख 13 हजार हेक्टेयर में दलहन बोई गई थी। लेकिन इस बार रबी सीजन में 4 लाख 72 हजार हेक्टयेर में बोबनी का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह से जिले में 1 हजार हेक्टयेर क्षेत्र में बोबनी का लक्ष्यबढ़ाया गया है। हालांकि इस बार गेहूं का रकबा 2 लाख 84 हजार हेक्टेयर रखा गया है। जबकि दलहन इस बार 1 लाख 43 हजार हेक्टेयर में बोई जाना है। तिलहन का भी रकबा इस बार बढ़ा है। पिछले रबी सीजन में 26 हजार हेक्टयेर में तिलहन बोया गया था, लेकिन इस बार 45 हजार हेक्टयेर में तिलहन की बोबनी होना है। बारिश की कमी के कारण जिले में गेहंू का रकबा घट गया है, वहीं कम पानी वाली दलहन व तिलहन फसलों की बोबनी अधिक की जा रही है।
पूरे सीजम में 35 हजार मीट्रिक टन आएगी डीएपी
जिले में इस रबी सीजन में 41 हजार मीट्रिक टन यूरिया का उपयोग किया जाना है। वहीं, 35 हजार मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत है। जबकि 2 हजार मीट्रिक टन सुपर फास्फेट, 100 मीट्रिक टन पोटाश की जरूरत आंकी गई है। कलेक्टर शीलेन्द्र सिंह के निर्देशन में उप सचालक कृषि तथा विभिन्न विकासखण्डों के उर्वरक निरीक्षक दलों एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा उर्वरक विक्रेताओं का सघन निरीक्षण किया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि अवैधानिक तरीके से खाद बेचने पर उर्वरक विक्रेताओं के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर एक जांच दल गठित किया है जो उर्वरक विक्रेताओं के भण्डार सहित अन्य कार्यों की जांच कर रहे हैं।

Home / Chhatarpur / खाद संकट बढ़ा तो भोपाल से जिले का कोटा 13 हजार 200 मीट्रिक टन बढ़ाया

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो