नगर पालिका के सब इंजीनियर अंकित अरजरिया ने बताया कि धसान पर स्थित पचेर घाट पर नगर पालिका के द्वारा पानी को शुद्ध करने के लिए फिल्टर प्लांट लगाए गए हैं। इन फिल्टर प्लांट में नदी के पानी को लेकर उसे साफ किया जाता है। स्त्रोत से आए पानी में बारिश के कारण मिट्टी सहित अन्य कचरा और ठोस अपशिष्ट फिल्टर प्लांट में पहुंच जाते हैं। अत्यधिक मात्रा में आए इस कचरे के कारण फिल्टर प्लांट पिछले कुछ दिनों से काम नहीं कर पा रहा है। शहर में आ रही पानी की सप्लाई में भी गंदगी मिलने की शिकायतें सामने आने के बाद यहां का निरीक्षण किया गया। तकनीकी सलाह लेने के बाद यहां की साफ-सफाई के लिए नगर पालिका ने 13 कर्मचारियों एवं अन्य मजदूरों को लगाकर इसकी सफाई शुरू करा दी थी। सफाई कार्य के दौरान ही बारिश के चलते काम बाधित हो रहा है। फिर भी हम जल्द से जल्द सप्लाई शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं।
गुरूवार को फिल्टर प्लांट पर चल रही साफ-सफाई को देखने के लिए सीएमओ ओमपाल सिंह भदौरिया भी पचेर घाट पहुंचे। उनकी मौजूदगी में कर्मचारियों द्वारा इस प्लांट में मौजूद लगभग 16 मिलियन लीटर पानी को बाहर निकाला गया। अब तक लगभग 20 फीसदी सफाई कार्य पूरा हो चुका है। सीएमओ ने कहा कि हम जल्द से जल्द साफ पानी की सप्लाई शुरू करेंगे लेकिन इसमें भी 2 दिन और लग सकते हैं। हालांकि उन्होंने कहा कि विकल्प के तौर पर यहां मौजूद ट्यूबवैल से शहर की कुछ टंकियों तक पानी भेजने का इंतजाम किया जा रहा है।
बारिश के चलते धसान नदी का जल स्तर बढ़ा है। इसके साथ ही पानी में मिट्टी आने से पानी मटमैला हो गया है। यही मटमैला पानी फिल्टर प्लांट के जरिए शहर के घरों तक पहुंच रहा है। मिट्टी मिला ये मटमैला पानी शहर के घरों में तीन दिन से आने की शिकायत के बाद नगरपालिका प्रशासन ने पचेर घाट फिल्टर प्लांट की जांच की तो पता चला कि फिल्टर प्लांट में मिट्टी जम गई है। जिससे फिल्टर पानी भी मटमैला आ रहा है। इस समस्या के समाधान के लिए अब फिल्टर प्लांट को साफ करने की कवायद शुरु हुई है।