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छतरपुर

यहां आजादी के बाद पहली बार चली ट्रेन, तीन महीने में ही घाटा

घाटे में चल रही महामना, छतरपुर स्टेशन से 30 हजार रु. प्रतिदिन घाटा, पहले बिकते से 80 से 90 हजार रुपए के टिकट, अब सिर्फ 50 से 60के बिक रहे।

छतरपुरOct 14, 2017 / 12:13 pm

Rajesh Kumar Pandey

First train after independence loss in three months

First train after independence loss in three months

छतरपुर. जिले में आजादी के 70 साल बाद पहली बार एक्सप्रेस ट्रेन चली लेकिन तीन महीने बाद भी घाटे से में चलने लगी। ऐसे में ट्रेन में कम यात्री आ रहे हैं। भोपाल से खजुराहो के बीच संचालित होने वाली महामना एक्सप्रेस के संचालन का तीन माह पूरा हो गया है। १४ बोगियों वाली इस एक्सप्रेस ट्रेन में शरुआत से ही कम यात्री निकल रहे हैं। शुरुआती दौर में चार बोगिया अलग करने के बाद भी महामना एक्सप्रेस यात्रियों से फुल नहीं हो पा रही है। वर्तमान में ट्रेन में छतरपुर रेलवे स्टेशन पर प्रतिदिन 50 से 60 हजार रुपए की आय हो रही है। जबकि पहले 80 से 90 हजार रुपए के टिकट बिकते थे। ट्रेन में यात्रियों की संख्या में गिरावट आ रही है।
भोपाल से खजुराहो के बीच संचालित होने वाली महामना एक्सप्रेस का शुभरंभ 13 जुलाई को किया गया था। १४ जुलाई से इस ट्रेन का संचालन नियमित किया जा रहा है। शुरुआती दौरान में इस ट्रेन में एक वातानुकूलित चेयरकार, नौ चेयरकार श्रेणी, दो सामान्य श्रेणी एवं एसएलआर/डी-२० सहित १४ डिब्बे शामिल थे। कम यात्री होने से शुरुआत में ही चार डिब्बे कम कर दिए गए थे।
25 जुलाई से एक एसी चेयरकार, पांच चेयरकार, दो जनरल और दो एसएलआर डी सहित दस कोच से ट्रेन चलाई जा रही है। महामना एक्सप्रेस के संचालन के शुरुआती दौर में शहर के महाराजा छत्रसाल रेलवे स्टेशन छतरपुर को 80 हजार से 90 हजार रुपए की आय होती थी लेकिन अब यह आय घट गई है। किसी दिन 50 हजार रुपए तो किसी दिन 60 हजार रुपए के आसपास आय हो रही है। इससे साफ है कि ट्रेन में यात्रियों की संख्या में कमी आई है। इसकी वजह बताया जा रहा है कि ट्रेन शाम को भोपाल के लिए रवाना होती है। जबकि स्थानीय स्तर पर इस ट्रेन का समय सुबह करने की मांग की जा रही है। व्यापारियों द्वारा कई बार ज्ञापन के माध्यम से ट्रेन का समय बदले जाने की मांग की चुकी है। इस त्योहारी सीजन में भी महामना एक्सप्रेस में पर्याप्त यात्री नहीं निकल पा रहे हैं। स्टेशन की टिकट बिंडों के मुताबिक छतरपुर से भोपाल, विदिशा, गंजबसोदा, मंडीबमोरा, बीना, ललितपुर, टीकमगढ़, खजुराहो आदि स्थानों पर के लिए जनरल के औसतन साढ़े तीन सौ रिजर्वेशन के 25 से 30 टिकट बिक रहे हैं। कुछ यात्री अन्य स्थानों से भी रिजर्वेशन करा लेते हैं।

त्योहारी सीजन में भी सीटें खाली
महामना एक्सप्रेस के संचालन को तीन माह बीतने के बाद भी त्योहारी सीजन में भी छतरपुर पुर से भोपाल के लिए रिजर्वेशन में 15 से लेकर 20 अक्टूबर तक सीटें खाली हैं। यात्रियों की कमी से रेलवे को घाटा हो रहा है। स्थानीय अधिकारियों के मुताबिक भोपाल स्तर से इसका प्रस्ताव बन रहा है। इसको लेकर रेलवे के कमर्शियल विभाग के अधिकारी घाटे का आंकलन कर रहे हैं। साथ ही समय परिवर्तन से कितना फायदा होगा इसका भी ध्यान दिया जा रहा है।
पहले की अपेक्षा अब यात्रियों की संख्या में कमी आई है। भोपाल की ओर से आने वाले यात्रियों की संख्या को ठीक है लेकिन छतरपुर से भोपाल की ओर जाने वाले यात्रियों की संख्या बढ़ पा रही है।
अब्बास अली, रिजर्वेशन काउंटर प्रभारी

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