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छतरपुर

गाजे-बाजे के साथ गजानन को किया विदा, जयकारों से गूंजा शहर, खूब उड़ा गुलाल

-बूढ़ा बांध में विर्सजन के लिए बना अस्थाई कुंड, दो सैकड़ा से अधिक मूर्तियों का विर्सजन,बारिश ने बढ़ाया उत्साह

छतरपुरSep 24, 2018 / 12:43 pm

rafi ahmad Siddqui

Gajanan with festivity cheerful

Gajanan with festivity cheerful

छतरपुर। अनंत चतुर्थी को पिछले दस दिनों से शहर के हर चौक, गली, मौहल्ले में चल रहे गणेशोत्सव का रविवार को समापन हो गया। अष्टविनायक गजानन को रविवार को गाजे-बाजे के साथ विदाई देने के लिए पूरे शहर से टोलियां सुबह से ही निकलने लगी। गजानज को विदाई के लिए ले जाते समय गाजा-बाजा ,डीजे की धुन पर बजते गणेश भक्ति के गानों से शहर पूरे दिन गूंजायमान होता रहा। गुलाल उड़ाते विर्सजन की टोलियां विर्सजन स्थल की ओर जाती रही। देर शाम तक गणेश विर्सजन का सिलसिला चलता रहा। विर्सजन स्थलों पर गणपति बप्पा मोरिया, अगले बरस तू जल्दी आ के नारों से आसमान गूंज उठा। मूर्ति विर्सजन के साथ ही 13 सितंबर से शुरु हुए गणेशोत्सव का भक्तिमय माहौल में समापन हो गया।
निकला चल समारोह
सिद्धी विनायक,कष्टों का हरण करने वाले प्रथम पूज्य गणेश की विदाई का उत्सव शुरु होते ही शहर से चल समारोह भी निकाला गया। विभिन्न स्वरुप के गजानन ट्रैक्टर,माल वाहकों में बनी झांकियों में सवार होकर शहर के मुख्य मार्गो से निकले। इसके साथ ही बस स्टैेंड,चौक बाजार,हटबारा,महलन,सागर रोड,सटई रोड,पन्ना रोड ,चौपाटी,बड़ी कुजरेहटी,पुरानी गैस एजेंसी,हनुमान टौरिया के पीछे,चेतगिरी कॉलोनी,चौबे कॉलोनी,नौगांव रोड,महोबा रोड इलाके में विराजमान गजानन शहर की सड़कों से गुजरते हुए बूढ़ा बांध के लिए निकले। गजानन की झांकियों को विदाई देने सैंकड़ों लोग सड़कों पर आ गए,फूल-गुलाल की बारिश कर गजानन के सम्मान में नमन किया और अगले बरस तू जल्दी आ के नारे लगाए। विर्सजन के दौरान करीब 3 बजे झमाझम बारिश हुई,जिससे श्रृद्धालुओं का उत्साह दोगना हो गया।
यहां हुआ विर्सजन
घरों,मौहल्लों में दस दिनों से विराजमान विध्नहर्ता का अंनत चतुर्थी पर विर्सजन किया गया। विर्सजन के लिए सुबह से ही बूंढ़ा बांध,पचेर घाट,घसान नदी और मउसहानियां के जगत सागर में श्रृद्धालुओं का तांता लग गया। गजानन के जयकारों के साथ गणेश भक्तों की एक टोली आती, परंपरा अनपसार मूर्ति विर्सजन करती,इसी दौरान दूसरी-तीसरी टोली भी गुलाल उड़ाती,जयकारे लगाती वहां पहुंच जाती। पहली टोली वापिस होने की तैयारी करती तब तक चौथी,,पांचवी,छटवीं टोली गजानन को लेकर पहुंत जाती। बूढ़ाबांध में विर्सजन के लिए बनाए गए कुंड़ में पूरे दिन विर्सजन का सिलसिला चला,बूढ़ा बांध पर मेला जैसा नजारा दिनभर देखने को मिला। लगभग दो सैकड़ा छोटी बड़ी मूर्तियों का विर्सजन किया गया। शहर के कुछ लोग गजानज को विदाई देने पचेर घाट,जगत सागर भी गए। वहां भी दिनभर विर्सजन का सिलसिला चलता रहा।
अलर्ट रहा प्रशासन
अंत चतुर्थी पर गजानन की मूर्तियों के विर्सजन की तैयारी सुबह से ही कर ली गई। प्रशासन ने बूढ़ा बांध में जेसीबी मशीन के जरिए बांध के किनारे एक अस्थाई कुंड बनाया,ताकि मूर्तियों के विर्सजन से बांध का पानी प्रदूषित न हो,बांध से छतरपुर शहर के लिए पेयजल की सप्लाई होती है,इसलिए प्रदूषण रोकने के मकसद से अस्थाई कुंड बनाया गया। सुरक्षा के लिए शहर के चौक-चौराहों से लेकर विर्सजन स्थल तक पुलिस बल तैनात किया गया। बांध वाले इलाके में लाइफ सेविंग जैकेट,वोट लेकर सुरक्षा दल तैनात रहा। प्रशासन-पुलिस के अधिकारी सुरक्षा व्यवस्थाओं पर पूरे दिन नजर बनाए हुए थे।

 

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